Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) शराब की बिक्री पर रोक के बावजूद यह बात सामने आयी है कि शराब की अवैध बिक्री हो रही है। इस मामले में दो होटलों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। क्षेत्रीय आबकारी विभाग ने यह कार्रवाई की है। शराब बेचने के आरोप में पुणे कलेक्टर डॉ.राजेश देशमुख ने इन दोनों होटलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिला कलेक्टर ने पहले कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए चल रहे गणपति उत्सव के दौरान जिले में सभी शराब की दुकानों को पांच दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया था। कलेक्टर के इस आदेश को सही तरीके से लागू करने के लिए भरारी टीमों का भी गठन किया गया है। इसके जरिए छापेमारी की जा रही है। इस तरह की कार्रवाई की चेतावनी पहले ही दी जा चुकी थी। हालांकि यह पाया गया है कि कुछ जगहों पर इसका उल्लंघन किया जा रहा है।
निजी होटलों पर छापेमारी
भरारी की टीम ने गणेशोत्सव के दौरान कल्याणीनगर के कई निजी होटलों में छापेमारी की। उनमें से दो के खिलाफ राज्य आबकारी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। राज्य आबकारी विभाग के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कलेक्टर के आदेशानुसार शहर में विसर्जन दिवस तक छापेमारी जारी रहेगी।
शराब,मोबाइल जब्त
पुणे पुलिस ने मुंबई शराब निषेध अधिनियम के तहत 41 मामले दर्ज किए और तलाशी अभियान के दौरान 49,150 रुपये की 309 लीटर देशी शराब और दो मोबाइल फोन जब्त किए।
’कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी’
पुणे में राज्य आबकारी विभाग के अधीक्षक सीबी राजपूत ने कहा कि इस संबंध में सुनवाई पूरी होने तक दोनों होटल बंद रहेंगे। जिला कलेक्टर ने शराब की बिक्री को लेकर नियम व शर्तों को स्पष्ट किया है। इस संबंध में एक बयान भी जारी किया गया है। इसलिए नियमों का उल्लंघन करने वाले होटलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर का सटीक आदेश क्या है?
कलेक्टर राजेश देशमुख ने गणेशोत्सव से पहले पर्चा जारी किया। इसी के तहत शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए शराब की दुकानें,परमिट रूम और बीयर बार 31 अगस्त से 9 सितंबर तक पूरी तरह बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। जिले में शराब की दुकानें 31 अगस्त और 9 सितंबर को बंद रहेंगी। पालिका क्षेत्रों में शराब की दुकानों को 10 तारीख को विसर्जन जुलूस की समाप्ति तक बंद रखने का आदेश दिया गया है।
विशेष टीमों की नियुक्ति
त्योहार की अवधि के अन्य दिनों में भी दुकानदार आवंटित समय के बाद भी शराब बेचते रहते हैं। इस तरह की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए संबंधित अधिकारियों की विशेष टीमों को नियुक्त किया गया है। आदेश में कहा गया है कि इन टीमों के जरिए औचक निरीक्षण किया जाएगा।