Pcmc पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) खुशी विनोद कांबोज,अरमान मुजावर के साथ भोसरी की गिरिजा लांडगे ने केवल 12 घंटों में मोरोशी के भैरवगढ़ को जीत लिया है। भैरवगढ़ की ऊंचाई 450 फीट है। तीनों अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भैरवगढ़ पर चढ़ने में कामयाब रहे हैं,जो बहुत कठिन और मिट्टी का हिस्सा है।
भैरवगढ़ गिरिदुर्ग प्रकार में आता है। एक पर्वतारोही के लिए चढ़ाई करना बहुत मुश्किल होता है और उस पर चढ़ना आसान होता है। भोसरी से गिरिजा धनाजी लांडगे,कोल्हापुर से खुशी विनोद कांबोज और तसगांव से अरमान मुजावर ने इस भैरवगढ़ पर्वत को फतेह किया। जब चारों तरफ से हवा चल रही हो तो रास्ते पर चढ़ना मुश्किल होता है और इसमें काफी समय लगता है। इतने सारे पर्वतारोही अभियान को बीच में ही छोड़ रहे हैं। हालांकि इन तीनों ने मिलकर इस मुहिम को अंजाम दिया है।
कैसे फतेह हुआ भैरवगढ़ की चढ़ाई
महिला दिवस के अवसर पर 6 जनवरी को प्रातः11 बजे सह्याद्री के भैरवगढ़ भैरव की पूजा की जाने लगी। पहले दिन सुबह 11 बजे से शाम 4:30 बजे तक तीनों तीसरे स्टेशन पहुंचे। पहली और दूसरी स्टेशन पर सीढ़ी का उपयोग किए बिना रॉक क्लाइंबिंग क्या खास है,जिसकी विशेष रूप से सराहना की जाती है। बीच में ओवरहैंग तीसरे स्टेशन तक पहुंचना बहुत मुश्किल है। अगले दिन सुबह करीब 11 बजे तीसरे स्टेशन से अगली चढ़ाई शुरू हुई। तीसरे स्टेशन से,ट्रैवर्स से टकराते हुए,खुली किताब की शेल्फ को पार करते हुए और उसके बाद की दरार को पार करते हुए,तीनों लड़कियां लक्ष्य तक पहुंच गईं। लेकिन अभी और आना बाकी था। दीवार के शीर्ष तक पहुंचने के लिए किसी भी बोल्ट का उपयोग किए बिना 70 डिग्री के कोण पर चढ़ाई 100 से 125 फीट की थी। वह चढ़ गई और तीनों भैरवगढ़ के शीर्ष पर पहुंच गई और अभियान को सफलतापूर्वक पूरा किया।