Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) ढोल,लज़ीम,तुतारी,मृदंग और ताल की घंटियाँ… लहराते भगवा झंडे….. सांस रोक देने वाले मल्लखम और पुरुषवादी दंडपट्टी प्रदर्शन… कलसूत्री गुड़िया… विथुनामा घंटियाँ। . …सर पर पगड़ी और हाथों में चूड़ियाँ लिए हर्षित चेहरे….गुलाब की पंखुड़ियां फड़फड़ाती….ऐसे उत्साह के माहौल में विदेशी मेहमानों ने महाराष्ट्र की लोक संस्कृति के साथ हर्षोल्लास के उत्सव का अनुभव किया।
सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में ’जी-20’ डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप की बैठक के अवसर पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा जी-20 प्रतिनिधियों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर विदेशी दर्शकों ने मल्लखंभ और दंडपट्टा के प्रामाणिक मराठा खेलों की लुभावनी प्रस्तुतियों से मंत्रमुग्ध कर दिया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुत शास्त्रीय नृत्य ने भी अतिथियों का मन मोह लिया।
प्रारंभ में विभागीय सौरभ राव ने राज्य सरकार की ओर से विदेशी प्रतिनिधियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में पुणे पालिका आयुक्त विक्रम कुमार,कलेक्टर डॉ.राजेश देशमुख,मंडल उपायुक्त वर्षा लड्डा-उंतवाल आदि मौजूद रहे। ज्ञानप्रबोधिनी क्रीड़ा हाई स्कूल, निगडी के बच्चों द्वारा जलती मशालों और तलवारों के साथ मल्लखंभ प्रदर्शन ने दर्शकों का दिल जीत लिया। उन्होंने मल्लखंभ पर बनी मानव प्रतिमाओं की भी सराहना की। बाटली मल्लखंभ प्रदर्शन में जोखिम, लचीलापन, एकाग्रता और संतुलन के प्रदर्शन की भी अतिथियों ने सराहना की।
कोल्हापुर के शिवशंभु मर्दानी अखाड़े के लड़के और लड़कियों द्वारा दंडपट्टी प्रदर्शन भी उतना ही लुभावना था। इन गवाहों के पास आए प्रतिनिधियों ने सहज प्रशंसा की। युद्ध के दौरान इस्तेमाल होने वाले फंदे, छड़ी और भाले के मर्दाना खेल भी इसी समय शुरू किए गए थे। जब महिला प्रतिनिधियों ने हाथों में चूड़ियां भरकर सिर पर फेटा बांधी तो उनके चेहरे खुशी से छलक पड़े। इस रोमांचक माहौल की यादों को मोबाइल फोन में कैद करने के लिए एक साथ कई हाथ आगे आए।
कार्यक्रम के मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में मानो कला से भरपूर महाराष्ट्र का साक्षात दर्शन हुआ। सिंहासन पर विराजमान छत्रपति शिवाजी महाराज की एक मूर्ति और विठोबा की एक बड़ी मूर्ति लगाई गई। कार्यक्रम के बाद अतिथियों ने पहले लावणी और फिर लज़ीम की धुन पर एक बार फिर लावणी के प्रदर्शन की मांग की। पुणे जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम की सभी प्रतिनिधियों ने खूब सराहना की।