Pcmc News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) डेढ़ दिवसीय गणराया का विसर्जन बुधवार को ’लवकर या’, गणपति चले गांवाला, चैन पड़ेना आम्हाला…’ के जयकारों और भक्तिमय माहौल के बीच किया गया। चूँकि नदी तल में विसर्जन निषेद्ध है, इसलिए अधिकांश नागरिकों ने गणराया की मूर्ति को पालिका के विसर्जन कुओं में विसर्जित करने पर जोर दिया। कुछ लोगों ने मूर्ति दान कर सामाजिक चेतना कायम की। कुछ लोग घरेलू गणेश का विसर्जन घर पर ही करना पसंद करते हैं। बप्पा को विदाई देते समय भक्तों ने ’अगले बरस जल्दी आ’ की विनंती की।गणेश चतुर्थी मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ गणराया की मूर्ति स्थापित की गई।
मोशी इंद्रायणी और पवना नदी तट पर कृत्रिम तालाबों में विसर्जन
गणपति बप्पा का बड़े ही हर्षोल्लास के साथ स्वागत करने के बाद कल गणेश भक्तों ने पूरे डेढ़ दिन के गणपति बप्पा को बड़ी श्रद्धा के साथ विदाई दी। पवना और इंद्रायणी नदी विसर्जन घाट पर पिंपरी चिंचवड मनपा द्वारा बनाए गए कृत्रिम तालाब में भक्तों ने प्रिय बप्पा को विदाई दी। देखा गया है कि इंद्रायणी घाट पर किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। ऐसा देखा जा रहा है कि इंद्रायणी घाट को पुलिस ने बंद कर दिया है। बप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ..ऐसे भक्तिभाव नारे लगाए गए।
अगले दिन यानी बुधवार को कुछ लोगों ने रीति-रिवाज और परंपरा के अनुसार अपने घरों में ही गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया। नदी के घाटों पर नगर पालिका द्वारा विसर्जन के लिए छोटे कृत्रिम तालाब तैयार कराए हैं, नागरिकों ने गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कुओं में किया है, जबकि कुछ ने गजानन की प्रतिमाओं का विसर्जन घर पर या पास के तालाब में किया है। भक्तों ने भगवान गणेश को वस्त्र और प्रसाद चढ़ाने के बाद विसर्जन की परंपरा का पालन किया। बप्पा को विदाई देते वक्त गणेश भक्त भावुक हो गए। जिन नागरिकों ने शादु मिट्टी से गणेश की मूर्ति स्थापित की है, उन्होंने घर में ही टंकी और बाल्टी में इसका विसर्जन किया, जबकि कुछ ने मूर्ति दान कर दी। कई नागरिकों ने चलते फिरते विसर्जन टैंक और निर्माल्य कलश की अनुपलब्धता की शिकायत की।
310 प्रतिमाओं का विसर्जन
गणेश विसर्जन के लिए पालिका ने कृत्रिम तालाबों, लोहे की टंकियों, मूर्ति दान और संग्रह केंद्रों की व्यवस्था की है, जिसमें डेढ़ दिन में 310 मूर्तियों का विसर्जन किया गया, ऐसा पालिका ने बताया है। मंगलवार को हर्षोल्लास और ऊर्जावान माहौल में प्यारे बप्पा के आगमन के बाद बुधवार को डेढ़ दिनों तक चलने वाले बप्पा का विसर्जन किया गया। विसर्जन के लिए नगर पालिका ने शहर में 265 स्थानों पर 42 निर्मित तालाब, 568 लोहे के टैंक और 252 स्थानों पर गणेश मूर्ति संग्रह केंद्र, दान केंद्र और 256 निर्माल्य कलश की व्यवस्था की थी। 310 प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। निर्मित तालाब में 127, लोहे के टैंक में 173, मूर्ति संग्रहण केंद्र में 10 का विसर्जन किया गया। इस प्रकार 219 किलो निर्माल्य एकत्रित हुआ।.