Pune News पुणे (व्हीएसआरएस न्यूज) गणेशोत्सव के अवसर पर पुणे के पर्यटन को बढ़ावा देने वाले और कला और संस्कृति का सुंदर प्रदर्शन प्रस्तुत करने वाले 35वें पुणे महोत्सव का उद्घाटन राज्य के पर्यटन मंत्री गिरीश महाजन ने किया। पुणे महोत्सव में कार्यक्रम की गुणवत्ता और कलाकारों को मिले प्रोत्साहन को देखते हुए श्री महाजन ने महोत्सव 50 वर्ष पूरा करेगी ऐसा महाजन ने व्यक्त किया। पर्यटन विभाग का महोत्सव को सहयोग जारी रखेगा।
गणेश कला क्रीड़ा मंच पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री और जिला संरक्षक मंत्री चंद्रकांत पाटिल, पुणे महोत्सव के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी, सांसद पद्मश्री हेमा मालिनी, रजनी पाटिल, सांसद श्रीरंग बारणे, विधायक नाना पटोले, पुणे महोत्सव के रवींद्र धांगेकर उपस्थित थे। उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार गोयल, मुख्य संयोजक अभय छाजेड़, उल्हास पवार, रमेश बागवे, मीरा कलमाड़ी आदि मौजूद थे।
पर्यटन मंत्री श्री महाजन ने कहा, सुरेश कलमाड़ी और इस महोत्सव का गहरा नाता है। किसी कार्यक्रम को 35 वर्षों तक जारी रखना एक कठिन कार्य है। लेकिन इस उत्सव को जारी रखने के लिए सभी ने कड़ी मेहनत की। उन्होंने कहा कि महोत्सव के कार्यक्रम को देखकर यह स्पष्ट है कि पुणे संस्कृति का घर है। लोकमान्य तिलक ने सार्वजनिक गणेशोत्सव प्रारम्भ किया और यह व्यापक हो गया। महाजन ने यह भी कहा कि वह कई वर्षों से पुणे महोत्सव देखने की इच्छा रखते थे। चंद्रकांत पाटिल ने कहा, पुणे महोत्सव को पूरे देश में ’सभी त्योहारों की जननी’ के रूप में मान्यता दी गई है। यह महोत्सव 1989 से लगातार चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन को और खूबसूरत बनाने के लिए सुरेश कलमाड़ी ने कड़ी मेहनत की। पुणे आकर नृत्य प्रस्तुत करना गर्व की बात है।’ सांसद हेमा मालिनी ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि पुणे महोत्सव के माध्यम से देशभर के कलाकारों को सम्मानित किया जा रहा है।
सांसद श्रीरंग बारणे, विधायक पटोले, डॉ. पद्म विभूषण. के.एल. इस अवसर पर संचेती, उद्योगपति संजय घोडावत ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कलमाड़ी ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि पुणे महोत्सव की शुरुआत स्थानीय कलाकारों को मंच देने और देश भर में पुणे का नाम रोशन करने के उद्देश्य से की गयी है। उन्होंने यह भी कहा कि यह उत्सव पुणे की सांस्कृतिक महिमा को बढ़ाता है। इस अवसर पर वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ पद्म विभूषण डॉ.के.एच.संचेती को जीवन गौरव पुरस्कार और उद्योगपति संजय घोड़ावत को पुणे महोत्सव पुरस्कार से सम्मानित किया गया। खड़कमल अली सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल, त्रिशुंड गणपति विजय मंडल ट्रस्ट और सदाशिवपेठ सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल को भी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत 50 कलाकारों द्वारा प्रस्तुत शंखनाद से हुई। पद्मश्री हेमा मालिनी और सह-कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से गणेश वंदना की। नंदिनी राव गुजर ने तुलसीदास रचित गणेश स्तुति प्रस्तुत की। सानिया पाटणकर ने देशभक्ति गीत ’ऐ मेरे वतन के लोगो’ पर प्रस्तुति दी। इस अवसर पर सुखदा खांडकेकर एवं उनके साथियों ने नृत्य नाटिका के माध्यम से रामायण की सीता की मृत्यु की कहानी ’नृत्य सीता’ प्रस्तुत की।वारकरी परंपरा को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। शरवरी जेमिनीज़ और उनके सहयोगियों द्वारा प्रस्तुत नृत्य प्रदर्शन ’भारत के ऐतिहासिक साम्राज्य’ को दर्शकों से उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया मिली। महाराष्ट्रीयन मंडल पुणे के एथलीटों ने कलात्मक योग के माध्यम से भारतीय योग परंपरा की अद्भुत प्रस्तुति दी। इस मौके पर हेमा मालिनी के फिल्मी करियर पर आधारित एक नृत्य प्रस्तुति भी की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम का समापन लावणी फ्यूजन के साथ हुआ।