Maharashtra News मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) लोकसभा चुनाव के शंखनाद के बीच महाराष्ट्र में घमासान मचा हुआ है। महाविकास अघाड़ी और महायुति में सीट बंटवारा अभी फाइनल नहीं हुआ है। इस बीच महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार पर संकट आ गया है। शिवसेना नेता विजय शिवतारे ने बारामती लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। शिवतारे ने एक बार फिर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर निशाना साधा और बारामती लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने की कसम खाई। इस पर एनसीपी ने रविवार को धमकी दी कि अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने उन्हें (विजय शिवतारे) बर्खास्त नहीं किया तो वह सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन छोड़ देगी।
’विजय शिवतारे के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए’
एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता उमेश पाटिल ने बताया कि हम मांग कर रहे हैं कि पिछले हफ्ते उपमुख्यमंत्री के खिलाफ अपनी नाराजगी के बाद विजय शिवतारे के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। आज उन्होंने फिर हमारे नेता के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। अब केवल शिवसेना की ओर से उनकी बर्खास्तगी ही हमें शांत करेगी। अन्यथा हम महायुति गठबंधन छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।
’बात बर्दाश्त की हद से आगे निकल चुकी’
उमेश पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी ने पहले शिंदे को शिवतारे के खिलाफ कार्रवाई की अपनी मांग से अवगत कराया था। चूंकि अब तक शिवसेना की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है इसलिए हम गंभीरता से विचार कर रहे हैं कि महायुति में रहना है या नहीं। बात बर्दाश्त की हद से आगे निकल चुकी है। हम अपने नेता को इस तरह अनावश्यक और आपत्तिजनक निशाना बनाने की अनुमति नहीं दे सकते।
’महायुति के जीत प्रतिशत पर पड़ेगा असर’
उन्होंने कहा कि इससे राज्य भर में एनसीपी और शिवसेना कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच कड़वाहट ही पैदा होगी। अंततः इसका असर महायुति के जीत प्रतिशत पर पड़ेगा। इसे रोकना होगा और एकनाथ शिंदे सेना को तुरंत शिवतारे को बर्खास्त करना चाहिए।
बारामती सीट पर फंसा है पेच
दरअसल पत्रकारों से बात करते हुए विजय शिवतारे ने 12 मार्च को कहा कि वह बारामती लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। जहां से शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की सुप्रिया सुले और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की सुनेत्रा पवार मैदान में हैं। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच इस बात को लेकर बहुत भ्रम है कि मैं नामांकन पत्र दाखिल करूंगा या नहीं। उनमें से कुछ सोच रहे हैं कि शायद मैं किसी समझौते पर पहुंच जाऊं लेकिन मैं महायुति नेताओं से आग्रह करना चाहता हूं कि वे मुझे बारामती से चुनाव लड़ने दें। ये धर्म की लड़ाई है। अगर राजनीति को साफ करना है तो मुझे नेतृत्व करना होगा।
बिना किसी का नाम लिए बोला हमला
बिना किसी का नाम लिए शिवतारे ने कहा कि अगर मुझे एक शैतान को रोकना है तो इसका मतलब है कि दूसरा शैतान सफल होगा। उसने ग्रामीण इलाकों में आतंक फैला रखा है। उसने कई लोगों को चोट पहुंचाई है… यह प्रधानमंत्री मोदी के करीब चले गए हैं। चुनाव जीतने के बाद मैं फकीर के रूप में काम करूंगा। शिवतारे ने कहा कि उन्हें मतदाताओं से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी बड़े नेता को अपने साथ मंच साझा करने की इजाजत नहीं दूंगा। सिर्फ आम आदमी ही मेरे साथ रहेगा। मैं सभी विधानसभा क्षेत्रों में रैलियां करूंगा।