Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) संतों और लोक साहित्य के वरिष्ठ विद्वान-लेखक और ’बहुरूपी भरूद’ लेखक डॉ. रामचंद्र देखणे (उम्र 66) का सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी,बेटा,बेटी,बहू और पोते-पोतियां हैं। पिंपरी-चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण में जनसंपर्क अधिकारी के रूप में कार्य किया। 34 साल की सेवा के बाद वे सेवानिवृत्त हुए। देखाने पंढरी को ’संत विचार प्रबोधिनी’ नामक छड़ी लेकर कई वर्षों तक लगातार चलते थे।
उन्होंने ललित,शोध और विचार की पचास से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की हैं। इसमें कहानियां,उपन्यास,संतों पर ध्यान देने वाली किताबें,लोककथाओं पर शोध और सामाजिक मुद्दों पर वैचारिक किताबें शामिल हैं। उन्होंने विभिन्न समाचार पत्रों,दिवाली के मुद्दों और संपादित पुस्तकों में दो हजार से अधिक लेख प्रकाशित किए हैं। उन्होंने महाराष्ट्र,अन्य राज्यों के साथ-साथ अमेरिका और दुबई में भी संत एकनाथ के ’बहुरूपी भरूद’ के ढाई हजार से अधिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया है और प्रशंसकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है।
उन्होंने राज्य की विभिन्न व्याख्यान श्रृंखलाओं में विभिन्न विषयों पर हजारों विद्वतापूर्ण और रसदार व्याख्यान दिए हैं। उन्होंने मई 2010 में कैलिफोर्निया,यूएसए में महाराष्ट्र की स्वर्ण जयंती के अवसर पर आयोजित स्वर्ण जयंती महाराष्ट्र कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। वह अमेरिका में विश्व मराठी साहित्य सम्मेलन में एक सेमिनार के अध्यक्ष थे।