Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड मनपा के आयुक्त और प्रशासक शेखर सिंह ने कामकाज सुचारु रुप से चलाने के लिए अपनी सत्ता का विकेंद्रीकरण कर दिया है। पालिका के तीन अतिरिक्त आयुक्तों के बीच विभागों का बंटवारा हुआ है। कुछ विभाग आयुक्त अपने पास रखे है। विभागों की बंटवारे की सूची पर नजर डाले तो अतिरिक्त आयुक्त(2) जितेंद्र वाघ पर आयुक्त की मेहरनजर दिखाई पडती है। सबसे ज्यादा और सबसे महत्वपूर्ण बांधकाम विभाग जितेंद्र वाघ को सौंपा गया है। कहते हैं ना कि ऊपर वाला देता है तो छप्पर फाड़के देता है। लेकिन सूची के अंतिम पायदान पर नजर डाले तो अतिरिक्त आयुक्त(3) उल्हास जगताप के साथ घोर अन्याय हुआ। स्थानीय अधिकारियों पर हमेशा ही अन्याय होता आया है। इस बात को लेकर शहर में चर्चा का विषय है।
विवादों में रहे वाघ पर आयुक्त का ज्यादा भरोसा
कुछ महिने पहले पालिका के नगररचना विभाग के सर्वेअर संदिप लबडे को रिश्वतकांड में पकडा गया था। यह विभाग जितेंद्र वाघ के अधिकार क्षेत्र में था। सर्वेयर संदीप लबड़े के खिलाफ कई शिकायतें थीं। हालांकि अतिरिक्त आयुक्त(2)जितेंद्र वाघ जिनके पास इस विभाग की जिम्मेदारी है,लबडे के खिलाफ शिकायत को जानबूझकर नजरअंदाज किया। नतीजा यह निकला कि लबडे ने अपना मनमाना साम्राज्य चलाया,कई नागरिकों को आर्थिक,मानिसक छल किया। जितेंद्र वाघ, लबडे के भ्रष्ट और नगररचना विभाग में कुप्रबंधन के कारण चर्चा में आए,वाघ के मामलों की जांच करने के बजाय आयुक्त शेखर सिंह ने वाघ पर विश्वास दिखाया और महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी देकर बल्ले बल्ले कर दिया।
स्थानीय अतिरिक्त आयुक्त उल्हास जगताप पर अन्याय
अतिरिक्त आयुक्त उल्हास जगताप स्थानीय अधिकारी है। बेहद अनुभवी,कानून के ज्ञाता,शहर की जानकारी,ईमानदर,कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। लेकिन इनके साथ आयुक्त शेखर सिंह ने घोर अन्याय किया। कोई भी महत्वपूर्ण विभाग नहीं सौंपे,सूची के अनुसार सबसे छोटे विभाग की जिम्मेदारी इनको सौंपी है। स्थानीय अधिकारियों पर अन्याय और बाहरी अधिकारियों को छप्पर फाडके नीति से स्थानीय अधिकारियों में असंतोष की भावना दिख रही है। जगताप ने अपने कामकाज से शहर की जनता को हमेशा संतुष्ट किया है। नगरसेवक हो या पदाधिकारी सभी जगताप के कामकाज की प्रशंसा करते हैं। पालिका में नंबर वन के अतिरिक्त आयुक्त प्रदीप जंभाले पाटिल भले ही नंबर वन कागजों में कहलाते हो लेकिन विभागों के बंटवारे की सूची के अनुसार तीसरे नंबर पर दिखाई दे रहे है।
आओ बताते हैं कि किस अतिरिक्त आयुक्त को कौन सा विभाग बंटवारे में मिला है और कौन सा विभाग आयुक्त शेखर सिंह अपने पास सुरक्षित रखे हैं।
आयुक्त शेखर सिंह के पास ये विभाग हैं-
1) लेखा 2) विशेष प्रकल्प-अमृत,स्मार्ट सिटी,जेएनयूआरएम 3)दक्षता व गुणनियंत्रण
अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र वाघ के पास कुल 14 विभागों की जिम्मेदारी
1) प्रशासन 2) सूचना व तंत्रज्ञान 3) बांधकाम अनुमति व अवैध बांधकाम नियंत्रण 4) पशु वैद्यकीय(बहिणाबाई चौधरी प्राणी संग्राहलय) 5) क्रीडा विभाग 6) स्थापत्य मुख्य कार्य. 7)स्थापत्य प्रकल्प 8) वैद्यकीय मुख्य कार्या.
9) यशवंत राव चव्हाण हॉस्पिटल 10) आरोग्य 11) आकाश चिन्ह परवाना 12) चुनाव व जनगणना विभाग
13) भूमि और जिंदगी 14) पर्यावरण अभियांत्रिकी
अतिरिक्त आयुक्त प्रदीप जांभले को 15 विभागों की जिम्मेदारी
1) उद्यान व वृक्षसंवर्धन 2)अग्निशामक 3) शिक्षा विभाग 4)स्थापत्य उद्यान 5)माध्यमिक शिक्षा मुख्य कार्य.6)कानून 7)कामगार कल्याण विभाग 8)अतिक्रमण विभाग 9)स्थानीक संस्था कर 10)बीआरटी प्रकल्प 11)विद्युत मुख्य कार्य.12) करसंकलन विभाग 13) पानीपूर्ति व जलनिसारण मुख्य कार्यालय 14)जलशुद्धिकरण केंद्र रावेत सेक्टर 23. 15) मध्य भंडार
अतिरिक्त आयुक्त उल्हास जगताप के पास विभागों की जिम्मेदारी-
1)सुरक्षा 2) समाज विकास 3) कार्यशाला 4) नगरसचिव 5) सूचना व जनसंपर्क 6) झो.नु.पु. 7) आयटीआय मोरवाडी 8) नागरी सुविधा केंद्र 9) अभिलेख कक्ष 10) बीएसयूपी,ईडब्लूएस 11) सभी क्षेत्रिय कार्यालय व अंतर्गत सभी विभाग(सार्वजनिक विभाग व प्रेक्षागृह)
जिस तरह मुख्यमंत्री का अधिकार होता है कि अपने मंत्रियों को कौन सा विभाग सौंपे,ठीक इसी तरह मनपा आयुक्त का अधिकार होता है कि वे अपने अधिकारियों को कौन सी जवाबदारी सौंपे। लेकिन स्थानीय अधिकारियों पर अन्याय न होने पाए इसका भी ध्यान रखना जरुरी है। तीन में से दो अतिरिक्त आयुक्त शासन दरबार के होते हैं और एक स्थानीय होता है। शासन दरबार के अधिकारी आते हैं और जाते हैं लेकिन स्थानीय अधिकारी यहीं सबके बीच संतुलन बनाकर रिटायरमेंट तक शहर और शहर के नागरिकों के हित में काम करते रहते हैं।