Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञों के एकत्र होने से एक ऐसी सक्षम शिक्षा व्यवस्था तैयार की जा सकती है जो नई चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना कर सके। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा के लिए संचार महत्वपूर्ण है।
वे होटल शेरेटन ग्रैंड में हायर एजुकेशन फाउंडेशन द्वारा आयोजित ’भारत में उच्च शिक्षा में नीति निर्धारण और परिवर्तन’ विषय पर आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। कार्यक्रम में वर्मोंट विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ.विश्वनाथ कराड ने भाग लिया। सुरेश गरीमाला, एमआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक पद्मश्री संजय ढांडे,बफेलो विश्वविद्यालय के अध्यक्ष सतीश त्रिपाठी,एआईयू सचिव श्रीमती पंकज मित्तल, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के चांसलर प्रदीप खोसला,डॉ.राहुल कराड,डॉ. आरएम चिटनिस एवं अन्य उपस्थित थे।
श्री कोश्यारी ने कहा, दुनिया में मानव जाति को आपसी सहयोग की जरूरत है। नई शिक्षा नीति के अनुसार भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए अवसर है, इसका उपयोग देश के विश्वविद्यालय करेंगे। हमारे देश के पास दुनिया को देने के लिए भारतीय मूल्यों के साथ कई तरह का ज्ञान भी है। इसलिए, शैक्षिक आदान-प्रदान सभी के लिए फायदेमंद होगा। अच्छे नागरिक बनाने के लिए मूल्य शिक्षा भी जरूरी है। कार्यशाला के माध्यम से उच्च शिक्षा के बारे में सोचते हुए लक्ष्य निर्धारित करना होगा और उस तक पहुंचने का रास्ता खोजना होगा। ऐसे में यह कार्यशाला उपयोगी हो सकती है। उन्होंने निजी विश्वविद्यालयों से शिक्षा क्षेत्र की प्रगति के लिए समर्पित भाव से आगे आने की अपील की।
डॉ.विश्वनाथ कराड ने कहा, भारत और अमेरिका के बारे में सोचने के साथ-साथ वैश्विक शिक्षा क्षेत्र में अनुकूल बदलाव के बारे में सोचने के लिए एक मंच बनाया जाना चाहिए। ’वसुधैव कुटुम्बकम’ भारत द्वारा दुनिया को दिया गया विचार है। शांतिपूर्ण विश्व समाज के निर्माण के लिए हमें मिलकर सोचना होगा। उसके लिए शिक्षा में मूल्यों का समावेश सहायक होगा।