Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) पुणे में गणेशोत्सव की धूमधाम से शुरुआत हो गई। श्रीमंत दगडूशेठ गणेश को पारंपरिक तरीके से प्रतिष्ठित किया गया, जबकि परंपरा के अनुसार सम्मानित पांच गणेश मंडलों की गणपति को निर्धारित समय के अनुसार प्रतिष्ठित किया गया। इस अवसर पर पुणे के मध्य क्षेत्र में हर्षोल्लास और भक्तिमय माहौल था। इसके अलावा, यह क्षेत्र सैकड़ों ढोल समूहों और पुणे निवासियों की भीड़ से गुलजार था।
पुणे के प्रथम सम्मानित कस्बा गणपति की भगवान गणेश की पालकी यात्रा निकाली गई। मंडल की ओर से बेहद पारंपरिक तरीके से जुलूस निकाला गया। उसके बाद डॉ.आनंद उर्फ नरसिम्हा एकनाथ गोसावी महाराज ने स्थापित किया था। दूसरी तंबडी जोगेश्वरी गणपति के शंख वादन के बाद जुलूस शुरू हुआ। फिर भगवान गणेश को ढोल नगाड़ों के साथ बड़े ही पारंपरिक तरीके से पालकी में बैठाकर उत्सव मंडप में ले जाया गया। इसके बाद स्थापना श्री समर्थ घराने के ग्यारहवें वंशज एवं सज्जनगढ़ के भूषण महारुद्र स्वामी महाराज ने की।
पुणे के तीसरे गुरुजी तालीम में गणपति की मृत्यु पर ढोल की थापों की खुशी देखी गई। इस समय हजारों की संख्या में पुणेवासी लक्ष्मी रोड पर जमा थे। श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट के ट्रस्टी और समारोह के प्रमुख पुनीत बालन और जान्हवी धारीवाल-बालन ने स्थापित किया। पुणे की सम्मानित चौथी तुलसीबाग गणपति शोभा यात्रा बड़े ही हर्षोल्लास के साथ निकाली गई। इस बार बच्चों ने भी हिस्सा लिया। तुलसीबाग के गणेश जी को व्यापारियों का गणेश माना जाता है। इसलिए व्यापारियों ने भी भाग लिया। उद्घाटन द पूना मर्चेंट्स चैंबर्स के अध्यक्ष राजेंद्र बाठिया और जयराज एंड कंपनी के राजेश शाह ने किया।
उसके बाद, पुणे के लोगों के बीच लोकप्रिय भगवान दगडूशेठ हलवाई गणपति को विराजमान करने के लिए सुबह 8.30 बजे मुख्य मंदिर से श्री हनुमान रथ का जुलूस शुरू हुआ। रीति-रिवाज एवं धार्मिक परंपरा के अनुसार आकर्षक फूलों के साथ श्री हनुमान की चार प्रतिमाओं को रथ पर बिठाकर जुलूस निकाला गया। कोतवाली चावड़ी के पारंपरिक स्थान पर श्री राम मंदिर अयोध्या की प्रतिकृति बप्पा को विराजमान किया गया। इसमें युवा से लेकर बुजुर्ग तक गणेश भक्त मौजूद थे। हिंदुस्तान के पहले गणपति कहे जाने वाले भाऊ रंगारी गणपति की बारात बैलगाड़ी पर निकाली गई। इस बैलगाड़ी को पुनीत बालन और जान्हवी धारीवाल ने चलाया। अपने भव्य दिव्य स्वरूपों के लिए प्रसिद्ध ’श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणेश’ की शोभा यात्रा दिमाख में शुरू हो गई है। कलावन्त दल के घोष के साथ जुलूस प्रारम्भ हो गया। इस जुलूस में कई मराठी कलाकार ढोल बजाने का अनुभव ले रहे हैं। इस वर्ष काल्पनिक ’ओंकार महल’ का दृश्य दिखाया गया है।