Pcmc News पिंपरी (व्हीएसआरएस न्यूज) लावणी महाराष्ट्र की सांस्कृतिक महिमा और विरासत है। लावणी एक ऐसी पारंपरिक कला है जो बहुत ऊर्जा देती है। इस कला को सहेज कर रखा जाएगा। राज्य के संस्कृति मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने आश्वासन दिया कि इस पारंपरिक लावणी उत्सव को संरक्षित करने के लिए विधायकों को हर जिले में लावणी महोत्सव आयोजित करने के लिए कहा जाएगा।
लावणी की कला को पुनर्जीवित करने, पारंपरिक लावणी को संरक्षित करने के लिए विधायक उमा खापरे व पालिका की पूर्व प्रतिपक्ष नेता सुलभा उबाले द्वारा आयोजित दो दिवसीय लावणी महोत्सव रविवार को संपन्न हो गया। मंत्री मुनगंटीवार पुरस्कार वितरण के अवसर पर बोल रहे थे। लावणी साम्राज्ञी सुरेखा पुनेकर, जानी-मानी अभिनेत्री मेघा घाडगे, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पुणे जिला संपर्क नेता, विधायक सचिन अहीर, शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे, विधायक अश्विनी जगताप, विधायक महादेव जानकर, भाजपा के राज्य सचिव अमित गोरखे, पूर्व सांसद अमर साबले, ठाकरे समूह के जिलाध्यक्ष गौतम चाबुकस्वर, नगर प्रमुख सचिन भोसले सहित अन्य मौजूद रहे।
लावणी प्रतियोगिता में टीम ’कैरी पढ़ाची’ ने एक लाख रुपए का प्रथम पुरस्कार जीता। ’राजस तुम्हारा’, ’साज’ और ’जलोश अप्सरांचा’ ने क्रमश: दूसरा, तीसरा और उकसावे का पुरस्कार जीता। सोनाली जलगांवकर को सर्वश्रेष्ठ नृत्यांगना के रूप में सम्मानित किया गया। वरिष्ठ नृत्यांगना लीला गांधी, माया जाधव, वरिष्ठ कथक नृत्यांगना डॉ. नंदकिशोर कपोटे, नृत्यांगना संजीवनी मुले नागरकर और सीमा पोटे नारायणगांवकर को पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
मंत्री मुनगंटीवार ने कहा, लावणी महान ऊर्जा देने वाली मराठी संस्कृति का एक रूप है। लावणी मराठी मानस की महिमा है। सांस्कृतिक विभाग की दूत बनीं उमा खापरे और सुलभा उबाले दोनों ने लावणी उत्सव में हिस्सा लिया। पेट की भूख भोजन, व्यंजन से विभाजित होती है। इसी प्रकार मन की भूख और मन की तृप्ति सांस्कृतिक विज्ञान से पूर्ति होती है।