Pune News पुणे (व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना एक बार फिर सिर उठा रहा है। इसके अनुसार राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। पुणे के औंध जिला अस्पताल में आज मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। साथ ही पुणे के कई अस्पतालों में मॉक ड्रिल कराई गई। क्या कोरोना मरीजों के लिए सौ बिस्तरों की स्थिति अच्छी है? क्या कोई ऑक्सीजन प्रणाली है? स्टाफ तैनात है? इस संबंध में जांच कराई गई। फिलहाल कोरोना ने देश के साथ पुणे में भी सिर उठा लिया है। इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मॉक ड्रिल कराने का आदेश दिया था। पुणे के करीब 123 अस्पतालों में मॉक ड्रिल कराई गई। इस अस्पताल में 5,805 बिस्तरों में से 2,204 बिस्तर अच्छी स्थिति में हैं।
पुणे के 123 अस्पतालों में मॉक ड्रिल कराई गई। इसमें 10 सरकारी और 113 निजी अस्पताल शामिल हैं। 764 में से 258 इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) बेड तैयार हैं और 527 में से 228 वेंटिलेटर बेड चालू हैं। साथ ही 3,005 ऑक्सीजन बेड में से 987 और 1,509 आइसोलेशन बेड में से 731 काम कर रहे हैं।
हमारे पास 2,763 डॉक्टर और 7,221 नर्स हैं और वर्तमान में रोजाना 956 टेस्ट कर रहे हैं। पुणे पालिका के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.सूर्यकांत देवकर ने कहा कि इन अस्पतालों में 848 आयुष डॉक्टर और 2,333 पैरामेडिकल स्टाफ और 3 लाख 24 हजार कोरोना टेस्ट किट उपलब्ध हैं। और उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी दवाओं का पर्याप्त भंडार है।
पिछली कोरोना लहर के अनुभव के कारण नागरिक और डॉक्टर भी जानते हैं कि कोरोना से कैसे निपटना है। पिछले कुछ दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। लेकिन डेढ़ साल पहले कोरोना की वजह से हालात बन गए थे। पुणे पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.भगवान पवार ने कहा कि ऐसी स्थिति दोबारा न आए इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
…तो फिर से शुरू होगा कोरोना वार्ड
ऐसा लग रहा है कि पुणे शहर में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इसी के चलते पुणे के कुछ अस्पतालों ने एक बार फिर से कोरोना वार्ड शुरू कर दिए हैं। नोबेल अस्पताल, के. ई एम अस्पताल और दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भी कोरोना मरीजों को आइसोलेशन में रखा जाता है। मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ने पर मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए शुरू से ही एहतियात बरता जा रहा है।