Pcmc News पिंपरी (व्हीएसआरएस न्यूज) महात्मा ज्योतिराव फुले की जयंती आज धूमधाम से मनाई गई। महाराष्ट्र के सामाजिक और शैक्षणिक क्षेत्र में महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले का योगदान अमूल्य है। महात्मा फुले और समता शब्द एक साथ चलते प्रतीत होते हैं। ज्योतिराव फुले यह कहने से नहीं रुके कि महिलाओं को भी पुरुषों के समान शिक्षा का अधिकार है,तो वास्तव में उन्होंने महिलाओं को ऐसे अधिकार दिलाने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। उन्होंने इसकी शुरुआत अपनी पत्नी से की और महिलाओं के लिए शिक्षा का रास्ता खोला। ऐसा मनोगत पिंपरी चिंचवड राष्ट्रवादी कांग्रेस के शहर अध्यक्ष अजित गव्हाणे ने व्यक्त किए।
महात्माफुले के सामाजिक विचार अत्यंत प्रखर थे। उन्होंने बाल विवाह और विधवाओं के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई। वे सामाजिक समानता स्थापित करने के लिए प्रयासरत रहे। महात्मा फुले और सावित्रीबाई फुले को भी अपने विचारों के लिए तत्कालीन परंपरावादियों की मार सहनी पड़ी। हालांकि, एनसीपी के शहर अध्यक्ष अजित गव्हाणे ने कहा कि उनकी मौत गुरुवार (11 दिसंबर) को नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि आज की युवा पीढ़ी को फुले दम्पति का अनुसरण कर भविष्य की ओर आगे बढ़ना चाहिए।
क्रांतिसूर्य महात्मा जोतिराव फुले की जयंती के अवसर पर, पिंपरी में ज्ञानज्योति सावित्रीबाई फुले स्मारक पर क्रांतिसूर्य फुले की प्रतिमा और खरालवाड़ी में राकांपा पार्टी कार्यालय में फुले की तस्वीर पर अजीत गव्हाणे के हाथों माल्यार्पण अर्पण करके आदरांजलि दी गई। गव्हाणे इस समय बोल रहे थे। इस अवसर पर महिला शहर अध्यक्ष कविता आल्हाट, सामाजिक न्याय विभाग अध्यक्ष संजय औसरमल, एडवोकेट. विद्या शिंदे, रजनी गोसावी, प्रदीप गायकवाड, संजय बनसोडे, धनाजी तांबे, सुनील अडागले आदि पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन सामाजिक न्याय विभाग के अध्यक्ष संजय ऑसराल ने किया।