Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) वकीलों को आधुनिक तकनीक का उपयोग करके और उनके सामने आने वाले अवसरों का उपयोग करके स्मार्ट अधिवक्ता बनना चाहिए, ज्येष्ठ विधि अधिवक्ता डॉ.उदय वारुंजीकर ने ऐसे विचार व्यक्त किया।
नेशनल लेबर एलायंस,पिंपरी चिंचवड लॉयर्स एसोसिएशन की ओर से रविवार को पिंपरी में नई कार्यकारिणी के लिए एक कानूनी मार्गदर्शन शिविर और सम्मान समारोह आयोजित किया गया। उस समय एड.वरुणजीकर ने मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय ़श्रमिक अघाडी के संस्थापक अध्यक्ष और (एनएफआईटीयू) नेश्नल फ्रंट ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष यशवंत भोसले,एड. डॉ. राजेंद्र अंभूले, एड. प्रशांत क्षीरसागर, नवनिर्वाचित अध्यक्ष एड. नारायण रसाल, उपाध्यक्ष एड. जयश्री कुटे, पूर्व अध्यक्ष एड. सुशील मंचरकर, एड. सुहास पडवाल, एड. ऑदुम्बर खोड़े पाटिल, एड. विलास कुटे, एड. दत्ता साल्वी आदि उपस्थित थे।
वकीलों को स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए-एड.डॉ.वरुणजीकर
वरुणजीकर ने कहा, पिंपरी चिंचवड़ शहर में वकीलों के लिए कई अवसर उपलब्ध हैं। शहर का काफी विस्तार हुआ है। शहर क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के कारखाने हैं। वहीं अनाधिकृत निर्माण जैसे मुद्दों के कारण नागरिकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वकीलों को यहां स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए। वरुणजीकर ने विश्वास व्यक्त किया कि वकील इस संबंध में अपने मुवक्किलों को अच्छी सेवा प्रदान करने में सक्षम होंगे।
यशवंत भोसले ने क्या कहा ?
यशवंत भोसले ने कहा कि एक आम नागरिक शिक्षकों,डॉक्टरों और वकीलों के बीच में भगवान को देखता है। इसलिए वकीलों को आम लोगों को न्याय देना चाहिए। भोसले ने आशा व्यक्त की है कि उनके साथ मानवीय व्यवहार करते हुए शीघ्र न्याय पाने के प्रयास किए जाने चाहिए न कि केवल आर्थिक लाभ को देखते हुए।
प्रशांत क्षीरसागर ने क्या कहा ?
प्रशांत क्षीरसागर ने ’न्यायिक कार्यवाही लंबित होने पर क्रियान्वयन’ पर मार्गदर्शन दिया। अदालती कार्यवाही में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। न्यायपालिका बनी ’स्मार्ट’ यानी वकीलों, वादकारियों, प्रशासन के समय की बचत, आसान और तेज न्याय। कोविड काल में कोर्ट की कार्यवाही को ऑनलाइन किया गया। हालांकि, उसके बाद यह प्रक्रिया रोक दी गई थी। इसे फिर से शुरू करना चाहिए। क्षीरसागर ने यह भी कहा कि काम में तेजी आने से लंबित मामलों की संख्या में कमी आएगी।
इस समय एड. राजेंद्र अंभूले ने ’लिव इन रिलेशनशिप’ के कानूनी पहलुओं, पारिवारिक अदालती मामलों पर मार्गदर्शन दिया। स्वागत एड.सुशील मंचरकर, एड. सुहास पडवाल,धन्यवाद एड. श्रद्धा मंचरकर ने माना। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संस्था के पदाधिकारी,सदस्य व वकील शामिल हुए।