Pune News पुणे (व्हीएसआरएस न्यूज) भले ही एनसीपी,कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की तिकड़ी भाजपा और शिवसेना (शिंदे समूह) को हराने के लिए सेना में शामिल हो गई है,पुणे लोकसभा को लेकर एनसीपी और कांग्रेस के बीच रस्साकशी शुरू हो गई है। ऐसा लगता है कि पिछले लोकसभा चुनाव में पुणे सीट पर जिस एनसीपी की निगाहें थीं,उसने उस सीट को हासिल करने के लिए खुले तौर पर दावा ठोंक दिया है और रणनीति बना ली है।
कांग्रेस ’राष्ट्रवादियों’ की चालों पर पैनी नजर रखे हुए है और उनके मंसूबों को विफल करने की मुद्रा में है। नतीजतन, संभावना है कि दोनों प्रमुख पार्टियां पुणे सीट पर अपना अपना दावा ठोंककर पीछे न हटे। कांग्रेस और एनसीपी के बीच गठबंधन में पुणे निर्वाचन क्षेत्र अब तक कांग्रेस का हिस्सा रहा है। इस निर्वाचन क्षेत्र में उनके उम्मीदवार कई बार चुने गए हैं। 2014 से,एनसीपी विस्तार करना चाह रही है। इसीलिए 2014 के लोकसभा चुनाव में पुणे की सीट पर ’राष्ट्रवादी’ के कुछ नेताओं ने दावा किया था। पार्टी नेता अजित पवार ने 2019 से पहले पुणे सीट को लेकर सांकेतिक बयान दिया था।
मीडिया से आज प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकारों ने अजीत पवार से पूछा कि कांग्रेस नेता बालासाहेब थोरात ने कहा कि कांग्रेस पुणे में लोकसभा उपचुनाव सीट लड़ेगी। फिर उन्होंने कहा, क्या हम दोनों को बताने का कोई फायदा है? उच्च स्तर पर चर्चा होगी। अजित पवार ने कहा कि कांग्रेस चाहे कुछ भी कहे, पुणे में एनसीपी के पास कांग्रेस से ज्यादा ताकत है।
पुणे की मौजूदा स्थिति पर नजर डालें तो यहां विधायक-सांसद ज्यादा हैं। पुणे में कांग्रेस के पास पहले से ही यह सीट थी। लेकिन अजित पवार ने कहा है कि कांग्रेस वह सीट नहीं जीत पाई। यदि किसी निर्वाचन क्षेत्र में सीट मिलने की संभावना कम है और महाविकास अघाड़ी में सहयोगी दल की ताकत अधिक है, तो वह सीट सहयोगी दल को दी जानी चाहिए। दूसरी ओर, स्थिति इसके विपरीत होगी। तब भी ऐसा ही होना चाहिए। अजित पवार ने कहा है कि सीटों की अदला-बदली भी होनी चाहिए।
बीजेपी नेता गिरीश बापट के निधन के बाद पुणे की लोकसभा सीट खाली हो गई है। इस सीट पर उपचुनाव होने की संभावना है। इसलिए यह देखना अहम होगा कि महाविकास अघाड़ी में कौन सी पार्टी वहां अपना उम्मीदवार उतारती है। इस सीट पर कल अजित पवार ने भी दावा किया था। साथ ही कांग्रेस ने पुणे लोकसभा सीट पर अपना दावा ठोका है।