Pcmc News पिंपरी (व्हीएसआरएस न्यूज) उत्तर भारत में श्रावण मास आरंभ हो चुका है। आज पहला सोमवार है। कांवड यात्रा भी निकल रही है। भोलेबाबा के मंदिरों में भक्तों का मेला लगा है। महाराष्ट्र की बात करें तो श्रावण मास का शुभारंभ अभी नहीं हुआ है। यहां दो हफ्ते बाद मास का प्रारंभ होता है। उसके पहले जमकर अखाड पार्टी का आयोजन होता है।
एक फिल्म आयी थी ‘धूम’ जिसके गाने के बोल थे..धूम मचा ले धूम मचा ले धूम…इसी तर्ज पर पिंपरी चिंचवड शहर में इन दिनों अखाड पार्टी की धूम मची है धूम..चर्चा का विषय है।
पिंपरी चिंचवड शहर में इन दिनों अखाड पार्टी की धूम मची है। स्थानीय नेता,पूर्व नगरसेवक,राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारी अपने कार्यकर्ताओं को खूश करने के लिए दिल खोलकर अखाड पार्टी का आयोजन कर रहे हैं। इसे एक त्योहार के रुप में मना रहे है। चौक चौराहों पर अखाड पार्टी के पोस्टर बैनर लगे है। आम हो या खास सभी निमंत्रित है। वाट्सअॅप ग्रुप पर भी निमंत्रण भेजे जा रहे है। अखाड पार्टी कोई होटल अथवा घरों में नहीं बल्कि उसके लिए मंगल कार्यालय की बुकिंग की गई है। ताकि कार्यकर्ताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
भोसरी विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक अखाड पार्टी शुरु है। प्रतिदिन का शेडयूल निर्धारित हो चुका है। नेता हो या पूर्व नगरसेवक दिल खोलकर अखाड पार्टी में पैसा लूटा रहे है। अगर हम राजनीतिक पार्टी की बात करें तो भाजपा के लोग इस आयोजन में अव्वल नंबर पर है। राष्ट्रवादी कांग्रेस,शिवसेना,कांग्रेस की पिछाडी है। उनके पास पैसों का अभाव है। मांसाहारी भोजन की कीमत में भारी बढ़ोतरी हुई है। आम जनता को होटल में अखाड पार्टी करना महंगा पड़ रहा है। ऐसे में भाजपा के पदाधिकारी,कार्यकर्ता अपने अपने क्षेत्र में पार्टी का आयोजन करके सबको बराबरी का दर्जा दे रहे हैं। ये अलग बात है कि इन अखाड पार्टी की वजह से होटल व्यवसायिकों का धंधा चौपट हो रहा है। महाराष्ट्र में श्रावण मास लगते ही बार एन्ड मांसाहारी होटलों का व्यवसाय एक महिना ठप रहता है। उसके बाद फि कुछ दिनों के लिए शुरु होता है फिर धार्मिक त्योहार शुरु हो जाते है। कुल मिलाकर दीपावली तक होटल व्यवसायिकों का ठन ठन गोपाला ही रहता है।
जिनके पास पैसे है वो होटल जा सकते है लेकिन जिनके पास नहीं वो अखाड पार्टी से वंचित न रहें, इस नेक उद्देश्य से सुसंस्कृति ,शिष्टाचारी भाजपा पिछले साल से अखाड पार्टी को एक उत्सव के रुप में मना रही है। इसमें गलत कुछ भी नहीं,…जिसका कोई नहीं उसका भाजपा होती है… इसी बहाने आम जनता,नीचले पायदान के कार्यकर्ताओं को खाने पीने का मौका मिलता है। कार्यकर्ता,आमजनता को अखाड पार्टी का लुप्त उठाने दो और जमकर झूमने दो क्योंकि... दो दिन की चटक चांदनी फिर वही अंधेरी रात… एक बात कहने में कोई संकोच नहीं कि भाजपा के लोग दिलदार है,अपने कार्यकर्ताओं के उपर पैसा खर्च करने में पीछे नहीं हटते। बाकी राजनीतिक पार्टियां इस मामले में कमजोर साबित हो रही है। अखाड पार्टी देने में स्पर्धा लगी है। पालिका चुनाव से पूर्व तैयारी का एक हिस्सा माना जा रहा है।
आओ बाजार भाव मांसाहारी पदार्थों की कीमतों के बारे में भी जान लेते है।
मटन, चिकन के प्रति किलो दाम इस प्रकार हैं
बकरे का मटन : 700 से 750 रुपये
चिकन : 200 से 220 रुपये
मछली : 100 से 500 रुपये
गवरन मुर्गा : 600 से 650 रुपये
गवरन अंडा : 10 रुपये प्रति पीस, 100 रुपय दर्जन