Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ पालिका के अतिरिक्त आयुक्त के रूप में विजयकुमार खोराटे की नियुक्ति हुए पांच दिन बीत चुके हैं, लेकिन उन्हें कार्यभार नहीं सौंपा गया है। सूत्रों ने बताया कि सरकार में शामिल एक ’दादा’ मंत्री के मौखिक आदेश के कारण आयुक्त एवं प्रशासक शेखर सिंह ने खोराटे को प्रभार नहीं दिया। एडिशनल कमिश्नर वन का विवाद जहां महाराष्ट्र प्रशासनिक मध्यस्थता में चल रहा है, वहीं अब एडिशनल कमिश्नर टू का भी विवाद चल रहा है, इसे लेकर प्रशासनिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है।
पिंपरी-चिंचवड़ पालिका के अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र वाघ का राज्य सरकार ने 6 जुलाई को तबादला कर दिया था। उनकी सेवाएँ राजस्व और वन विभागों को सौंपी गईं। बताया गया कि यह तबादला सांसद शिंदे गुट के अनुरोध पर किया गया है। वाघ के स्थान पर विजयकुमार खोराटे को अतिरिक्त आयुक्त नियुक्त किया गया। सरकार का आदेश लेते हुए खोराटे ने शुक्रवार को तत्काल पालिका में कार्यभार ग्रहण कर लिया। सम्मिलित रिपोर्ट कमिश्नर को भेजी गई। खोराटे अतिरिक्त आयुक्त कक्ष में बैठे। आयुक्त सिंह को नए शपथ लेने वाले एक मंत्री का फोन आया। यह पता चला है कि उन्होंने मौखिक रूप से आदेश दिया है कि वाघ का समय से पहले स्थानांतरित कर दिया गया है इसलिए नए आए अतिरिक्त आयुक्त खोराटे की नियुक्ति फिलहाल रोकी जाए। इसलिए कमिश्नर ने खोराटे की नियुक्ति पर हस्ताक्षर नहीं किये।
इस बीच सोमवार को पालिका में आये खोराटे मंगलवार को पूरे दिन अपने चेंबर में दिखाई नहीं दिए। बने नए मंत्री, शिंदे गुट के एक सांसद की सिफारिश पर आए खोराटे को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इससे राज्य में दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच विवाद की चिंगारी भड़क गई है।