Pcmc News पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) यह पता चला है कि पिंपरी-चिंचवड़ शहर में 803 स्कूल बसें अनफिट हैं। उपक्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से मिली जानकारी में यह मामला सामने आया है। ऐसे में छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा खड़ा हो गया है। देखने में आ रहा है कि बसों के लिए तय नियमों का भी ठीक से पालन नहीं हो रहा है। इसलिए आरटीओ को इस संबंध में कार्रवाई करने की जरूरत है।
बस की कंडीशन अच्छी होनी चाहिए
विद्यालय में सीढ़ियाँ होनी चाहिए जिससे विद्यार्थी ऊपर-नीचे आ-जा सकें। बस का फिटनेस सर्टिफिकेट होना जरूरी है। साथ ही बस की मैकेनिकल कंडीशन भी अच्छी होनी चाहिए। स्कूल बस का रंग पीला होना चाहिए। पंजीकरण की तिथि से बस पंद्रह वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
स्कूली वाहनों के लिए क्या हैं नियम?
ड्राइवरों को स्कूल परिवहन लाइसेंस की आवश्यकता है
वाहन की जांच की गई फिटनेस यानी फिटनेस प्रमाण पत्र आवश्यक है
बस में प्राथमिक चिकित्सा किट होनी चाहिए
वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाए जाएं
प्रत्येक बस में एक अटेंडेंट की सुविधा होनी चाहिए
वाहन में आग बुझाने की व्यवस्था की आवश्यकता
माता-पिता को किस बात का ध्यान रखना चाहिए?
अभिभावकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस बस से उनका बच्चा स्कूल आता-जाता है, उसकी फिटनेस जांच की गई है या नहीं। बच्चे को उस वाहन की बैठने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए वैन या बस से भेजा जाना चाहिए। अक्सर कुछ स्कूल बसें और वैन छात्रों से ओवरबुक हो जाती हैं। जिससे बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिल पाती है। स्कूल बस में बच्चों की बैठने की क्षमता की जांच करने के साथ-साथ यह भी जांचा जाए कि बस में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं या नहीं।