Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) मुला-मुठा रिवरसाइड रिवाइटलाइजेशन, कंजर्वेशन और ब्यूटीफिकेशन प्रोजेक्ट के तहत रिवरसाइड एरिया में पेड़ों की कटाई नहीं होगी और पुराने और दुर्लभ पेड़ बचे रहेंगे। पुणे प्रशासन ने दावा किया है कि प्रभावित पेड़ों को बिना काटे संरक्षित किया जाएगा और 65 हजार पेड़ लगाए जाएंगे।
साबरमती नदी की तर्ज पर पालिका ने मुला-मुठा नदी के किनारों के पुनरोद्धार, संरक्षण और सौंदर्यीकरण के लिए 5,000 करोड़ की योजना शुरू की है। इनमें बंडगार्डन में काम शुरू कर दिया गया है, जिसके लिए कम से कम छह हजार पेड़ काटे जाएंगे। शहर में पर्यावरणविदों और गैर सरकारी संगठनों ने इसका विरोध किया है। साथ ही ग्यारह पर्यावरणविदों ने अपना पर्यावरण दूत पुरस्कार पालिका को वापस कर दिया है। इस पृष्ठभूमि में पालिका की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है।
बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की खबरें गलत हैं। परियोजना के तहत संगम पुल से बंडगार्डन और बंडगार्डन से मुंढवा तक काम शुरू किया गया है। गलत सूचना दी जा रही है कि पुनर्जीवन कार्य के दौरान नदी से सटे 6000 से अधिक पेड़ों को काटा जाएगा और इन पेड़ों में पुराने और दुर्लभ पेड़ शामिल हैं। दरअसल इस जानकारी में कोई सच्चाई नहीं है। इसके विपरीत नदी किनारे प्रभावित वृक्षों के 3 हजार 142 वृक्षों को बिना हटाए संरक्षित किया जाएगा। इसलिए, नदी पुनरोद्धार कार्य के दौरान हटाए जाने वाले पेड़ों के स्थान पर 65,000 से अधिक पेड़ लगाए जाएंगे। इससे शहर से होकर बहने वाली नदी के दोनों किनारों पर हरित पट्टी बनाने में मदद मिलेगी।
नदी पुनरोद्धार परियोजना से प्रभावित होने वाले वृक्षों में सुभूल, कुबाभूल, कटेरियाभूल, विलायती इमली जैसे वृक्षों का अनुपात अधिक है। संगमवाड़ी से बंडगार्डन तक कार्य करते हुए कुल प्रभावित वृक्षों में से 1 हजार 538 वृक्षों को हटाने का प्रस्ताव है। इनमें बबूल 441, सुभभूल 804 और विलायती बबूल, विलायती कीकर 489 जैसे करीब 1 हजार 534 पेड़ सुभभुल, कुबाभूल, कटेरी भुल, विलायती इमली की प्रजाति के हैं। यह हटाए जाने वाले पेड़ों की कुल संख्या का लगभग 99 प्रतिशत है। इसके अलावा खैर 2 और नीलगिरी 2 नाम के चार पेड़ों को हटाया जाएगा।
बंडगार्डन से मुंढवा चरण में कार्य करते हुए 1 हजार 572 वृक्षों को पूर्ण रूप से हटाने का प्रस्ताव है। इसमें भी 1 हजार 253 पेड़ सुभूल, कुबाभूल, कांटेदार बबूल, विलायती इमली प्रजाति के हैं और ऐसे पेड़ों का अनुपात कुल हटाए जाने वाले पेड़ों का 79 प्रतिशत है। इस चरण में बबूल 420, रेन ट्री 66, नीलगिरी 4, सुभभूल 416, आम 43, अशोक 1, नारियल 43, विलायती बबूल, विलायती किकर, विलायती इमली 579 जैसे कुल 1 हजार 572 पेड़ों को पूरी तरह से हटाने का प्रस्ताव है। प्रशासन की ओर से जानकारी दी गई। नदी पुनरोद्धार परियोजना के लिए प्रभावित पेड़ों के संबंध में एक सर्वेक्षण किया गया था। इस सर्वेक्षण के दौरान पेड़ों पर पट्टिका लगाकर उन्हें क्रमांकित किया गया। पालिका ने यह भी कहा कि ये बोर्ड केवल पेड़ों की संख्या को मापने के लिए सर्वेक्षण के हिस्से के रूप में लगाए गए थे।