Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्य में गांठदार सफेद दाग से मरने वाले पशुओं की संख्या 28 हजार के पार पहुंच गई है। पिछले 17 दिनों में 4,689 पशुओं की मौत हुई है। जुलाई के अंत से युद्धस्तर पर इस बीमारी का इलाज कर रहा पशुपालन विभाग इस प्रकोप पर अपनी पकड़ ढीली करता दिख रहा है।
पशुपालन विभाग के अनुसार 17 दिसंबर के अंत तक राज्य के 35 जिलों के 4051 केंद्रों में गांठ रोग के संक्रमित हो चुके हैं। प्रभावित गांवों में कुल 3,93,337 संक्रमित पशुओं में से 3,16,540 पशुधन उपचार से ठीक हो चुके हैं। बाकी प्रभावित मवेशियों का इलाज किया जा रहा है। प्रभावित लोगों में से 27,851 पशुओं की मौत हो चुकी है।
पशुपालन विभाग ने घोषणा की थी कि नवंबर की शुरुआत में राज्य में लम्पी विटिलिगो महामारी पर काबू पा लिया गया है। मृत्यु दर कम होने का भी दावा किया गया था। हालांकि पिछले एक माह से प्रदेश में औसतन 300 पशुओं की मौत गांठ के कारण हो रही है। यह मामला पशुपालन विभाग द्वारा प्रकाशित दैनिक प्रेस विज्ञप्ति से ही सामने आया है। एक दिसंबर को राज्य में मृत पशुओं की संख्या 23,162 थी, जो 17 दिसंबर के अंत तक बढ़कर 27,851 हो गई है। पिछले 17 दिनों में 4,689 पशुओं की मौत हुई है।
किसानों के खातों में डाली गई 38 करोड़ की सहायता राशि
राज्य सरकार ने गांठ के कारण मरने वाले पशुओं के मालिकों को सहायता देने की घोषणा की थी। इसके अनुसार 17 दिसंबर तक 15,543 पशुओं के मुआवजे के लिए 14614 पशुपालकों के खातों में 38.87 करोड़ रुपये की राशि जमा की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में कुल 146.82 लाख वैक्सीन की खुराक उपलब्ध करायी गयी है।ब
नियंत्रण से बाहर क्यों?
*लगातार चार महीने के युद्ध स्तर के काम ने पशुपालन विभाग पर दबाव डाला
*पशुपालन विभाग के लिए आवश्यक सेवाओं और सुविधाओं की कमी
* पशुशाला में सीधे जाने के लिए आवश्यक वाहन व्यवस्था का अभाव
* लगातार उपायों से थक चुके किसानों ने इलाज का कोई जवाब नहीं दिया