Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय का 123वां स्नातक समारोह राज्यपाल रमेश बैस की उपस्थिति में संपन्न हुआ। राज्यपाल रमेश बैस के हाथों विद्यार्थियों को पदवीदान किया गया। गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का उद्देश्य रोजगार सृजन तक सीमित नहीं है, बल्कि एक जीवंत, सामाजिक रूप से जुड़े, सहकारी समुदाय और एक समृद्ध राष्ट्र बनाने की कुंजी है। वह सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के 123वें स्नातक समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम में पूर्व सांसद विनय सहस्रबुद्धे, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरेश गोसावी, प्रतिकुलपति डॉ. पराग कालकर, रजिस्ट्रार डॉ. महेश काकड़े, परीक्षा एवं मूल्यांकन विभाग के निदेशक डॉ. विजय खरे आदि उपस्थित थे।
राज्यपाल श्री बैस ने कहा, नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। जैसे-जैसे उच्च शिक्षा का महत्व बढ़ रहा है, देश में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा में रचनात्मक परिवर्तन करने होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के विभिन्न विभाग पाठ्यक्रम एवं नई शिक्षा नीति पर अधिक संवेदनशीलता से ध्यान केन्द्रित करें।
यह कहते हुए कि ज्ञान केवल सूचनाओं का संग्रह नहीं है, राज्यपाल ने कहा, ज्ञान के आधार पर एक नई संस्कृति का उदय होता है, ज्ञान प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है। ज्ञान नवप्रवर्तन और परिवर्तन का उत्प्रेरक है। ज्ञान व्यक्ति को सही निर्णय लेने और जीवन में कठिनाइयों पर काबू पाने में सक्षम बनाता है। यह मनुष्य को प्रश्न करने, विश्लेषण करने और मूल्यांकन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। चूँकि ज्ञान वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाला सेतु है, श्री बैस ने विश्वास व्यक्त किया कि छात्र उच्च शिक्षा के माध्यम से ज्ञान उत्पन्न करके राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान करने में सक्षम होंगे।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय कुशल जनशक्ति की खान है और कल के नीति निर्माता और देश का नेतृत्व यहीं से होगा। इस अवसर पर सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के स्नातक विशेषांक का विमोचन गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया। विशेष रूप से मेधावी विद्यार्थियों को स्नातक प्रमाणपत्र पदक देकर सम्मानित किया गया। समारोह में 85 हजार 440 छात्रों को स्नातक प्रमाणपत्र, 19 हजार 768 छात्रों को स्नातकोत्तर प्रमाणपत्र, 226 छात्रों को स्नातक प्रमाणपत्र, 187 छात्रों को पीएचडी प्रमाणपत्र, 34 छात्रों को स्नातकोत्तर प्रमाणपत्र और 4 छात्रों को एम.फिल प्रमाणपत्र प्राप्त हुए। जिससे कुल 1 लाख 5 हजार 654 विद्यार्थियों को सुविधा प्रदान की गई। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय प्रबंधन परिषद के सदस्य, कुलाधिपति, प्रोफेसर, स्नातक उपस्थित थे।