पिंपरी। व्हीएसआरएस न्यूज़ : पिंपरी चिंचवड के पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश जब से पिंपरी चिंचवड आयुक्तालय का पदभार संभाले हैं तब से उन्होंने क्राइम का ग्राफ बहुत ही कम कर दिया है । वह आए दिन अपनी काम के बदौलत सुर्खियों में रहते हैं । पिंपरी चिंचवड़ पुलिस आयुक्तालय और महाराष्ट्र उद्योजकता विकास केंद्र पुणे द्वारा आयोजित जिला उद्योग केंद्र पुणे के सहयोग से पुलिस पाल्या के लिए उद्योजकता परिचय कार्यशिबिर पिंपरी चिंचवड शहर के रामकृष्णा मोरे सभागृह आयोजित किया गया था ।
पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश की संकल्पना से पुलिस पाल्य के लिए यह उद्योजकता परिचय शिबिर का आयोजन किया गया था । इस शिबिर मे पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश,अप्पर पुलीस आयुक्त रामनाथ पोकले, एम.सी.ई.डी कार्यकारी संचालक सुरेश लोढे,जिला उद्योग महाकेंद्र संचालक श्री रेदालकर पुलिस कल्याण निधी के विवेक लवाड, तुषार शिन्दे पीसीएमसी सिटिजन फोरम, डीसीपी आनंद भोईटे,डीसीपी मंचक इप्पर,एसी.पी.सागर कवडे, एसी.पी. आर,आर,पाटील, और पोलीस अधीकारी,कर्मचारी,पोलिस पाल्य उपस्थित थे । इस शिबिर मे उपस्थीत सभी पुलीस पाल्यों को उद्योग व्यावसाय,ओर सरकार से जुडी की योजनाओ के लिए विशेष मार्गदर्शन किया गया।
- मैं हमेश कहता हूं कि “जब भरा हो पेट तो सारा जमाना अच्छा लगता है और खाली हो पेट तो अच्छे अच्छों का ईमान डगमगाने लगता है” भूखा आदमी कौन सा पाप नहीं करता है । जरूरी नहीं कि पुलिस वालो का बेटा भी पुलिस हो या किसी अधिकारी का बेटा अधिकारी हो। अपने आने वाली पीढ़ी के लिए हमें एक अच्छा प्लेटफार्म तैयार करना होगा । हमारे पास कितना भी पैसे का ढेर हो वह किस काम ? बुराई से कमाया गया पैसा बुराई में ही चला जाता है , उन्होंने उदाहरण देते हुए मराठी फिल्म मुलशी पैटर्न का भी जिक्र किया , उन्होंने कहा कि पैसे का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए । समय और धन मूल्यवान है परंतु दोनों अपनी जगह के लिए ही है मनुष्य आज भी युगों की तरह ही जीता है चाहे वह कलयुग ,सतयुग द्वापरयुग हो इसकी गणना करता है जब तक आप सोएं होते हैं तो आपका जीवन कलयुग में होता है , और जब आप उठते हैं तो अब द्वापर युग में होते हैं, जब आप कार्यरत होते हैं तो आप त्रेतायुग में होते हैं , और जब आप अपने कार्य में गतिमान होते हैं तो वह सतयुग होता है, तो और सभी को सतयुग में लाना होगा तो हमें कार्यरत होना होगा, कार्य तत्पर होना होगा, आपके द्वारा किए गए नियोजन को कार्यान्वित करना होगा । अभी आप इस समाज को देश को सतयुग की धारणा में ले जा सकेंगे । आप को आपने कार्य प्रति निष्ठावान और निष्ठा रहना चाहिए । उद्योजक एक समाज सेवक की तरह होता है।
आपको बता दें कि उन्होंने दोहो के साथ-साथ ज्ञानेश्वरी का भी उल्लेख किया। पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने कहा की पुलिस आधिकारी कर्मचारी जब आपनी सेवा कार्य मे बहुत व्यस्त रहते है वह आपने परिवार को समय नही दे सकते है जब वह सेवा कार्य से मुक्त होते है तब उन्हे हमेशा पुछा जाता है की आप का स्वास्थ कैसा है आपके बच्चे क्या करते है तो उन्ही पुलीस वालो के सामने आपने बच्चों के लेकर क्या कहे वही समझ नही आता है इन पुलीस पाल्यों के लिए कुछ तो करना जरूरी है इस उद्देश से पुलीस पाल्यो के लिए उद्योग, व्यापार मे भी आगे आना जरूरी है लेकिन उन्हे सरकारी योजनाओं, योजना, उद्योग व्यापार मे आगे आने के लिए मार्गदर्शन करना बहुत जरूरी है इस उद्देश्य से आज 400 सौ पुलिस पाल्य के एमआईडीसी द्वारा यह मार्गदर्शन शिविर का आयोज किया गया था और साथ हि शहर मे लावारिस घूमने वाले ओर रास्ते पर भीख मांगने वाले बच्चों के लिए भी हमने योजना बना रहे है हम आशा करते है कि पुलीस पाल्य आपने आप ग्रोथ करके अच्छे उद्योजक बने ।
महाराष्ट्र उद्योजकता विकास केंद्र के कार्यकारी संचालक सुरेश लोंढे और उनकी टीम पाल्यों को उद्योजक कैसे बनाएं बने इस बारे में मार्गदर्शन किया ।