Mumbai News पालघर(व्हीएसआरएस न्यूज) पालघर आदिवासी इलाके में साधूओं की पिटाई का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर बच्चा चोर समझकर ग्रामीणों ने दो साधूओं को बंधक बनाकर जमकर पीटा। पुलिस के हस्तक्षेप से साधूओं की जान बची।
पालघर में साधुओं की पीट-पीटकर हत्या मामले ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी। बच्चा चोरी के शक में हुई इस मॉब लिंचिंग पर जमकर सियासत हुई थी। तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार चौतरफा घिर गई थी। इसी तरह की घटना एक बार फिर पालघर में होने से बची। जिले के वानगांव पुलिस स्टेशन क्षेत्र के चंद्र नगर में भिक्षा मांगने गए दो साधुओं को ग्रामीणों ने बच्चा चोर समझकर बंधक बना लिया। ग्रामीण ने साधुओं को जमकर पीटा। तभी वहां मौजूद एक पुलिस मित्र ने इसकी जानकारी वानगांव पुलिस को दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को शांत कर साधुओं की जान बचा ली।
पालघर एसपी बाला साहेब पाटील के जन संवाद के तहत ’एक गांव, एक पुलिस’ अभियान ने साधुओं को बचाया। पाटील ने बताया कि यह घटना 2 अप्रैल दोपहर 11 बजे की है। सूचना के बाद पुलिस अलर्ट हुई और साधुओं को बचाया जा सका।
साधुओं को घेरकर पकडा
पुलिस ने बताया कि बापूनाथ सटवाजी शेगर (44) और प्रेमनाथ सटवाजी शेगर (40) वानगांव के यवतमाल जिले से चंद्र नगर, वणई से शिवोन गांव जाते समय ग्रामीणों ने बच्चा चोर समझकर घेर लिया। देखते ही देखते ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई। लोग आक्रोशित होकर उन्हें पीटने लगे, तभी वहां मौजूद पुलिस मित्र हरेश्वर सुरेश घुटे ने वानगांव पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को शांत किया। बताया जा रहा है कि दोनों साधु गुजरात के भिल्लाड़ में रहते हैं। दोनों आस-पास के गांवों में जाकर भिक्षा मांगकर गुजर-बसर करते हैं।
2020 में हुई थी साधुओं की हत्या
2020 वाली घटना की पुनरावृत्ति हो सकती थी। 16 अप्रैल 2020 को कासा के गढचिंचले गांव के पास ग्रामीणों ने दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इसी घटना को ध्यान में रखकर एसपी पाटील ने पुलिस मित्र तैयार किए, जिसके तहत आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखी जाती है।