Mumbai News मुंबई(व्हीएसआरएस न्यूज) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस उस समय प्राइमरी के विद्यार्थी रहे होंगे,उनको इतिहास का ज्ञान नहीं है। ऐसे शब्दों में राकांपा सुप्रिमो शरद पवार ने हमला बोला। देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी सरकार के 9 साल पूरे होने पर रविवार रात चंद्रपुर में सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि जब शरद पवार 1978 में 40 विधायकों के साथ वसंतदादा पाटील मंत्रिमंडल से बाहर हुए थे,तब उनके इस कृत्य को उनका राजनीतिक कौशल कहा गया,लेकिन जब शिंदे ने वही किया,तो इसे ’बेईमानी’ कहा गया, यह कैसे चलेगा? इस टिप्पणी पर जब पत्रकारों ने सोमवार को शरद पवार से सवाल पूछा, तो उन्होंने अपनी स्टाइल में चुटीला जवाब दिया। उन्होंने कहा,’जब हमने सरकार बनाई थी, तो वह सर्व समावेशक सरकार थी। उस सरकार में तत्कालीन जनसंघ भी शामिल थी, जनसंघ ही बाद में बीजेपी बनी।
जनसंघ के उत्तम राव पाटील मेरी सरकार में उप-मुख्यमंत्री थे। जनसंघ के हशु अडवाणी मंत्री थे। उस समय फडणवीस प्राइमरी में पढ़ रहे होंगे। अतः उस काल का उन्हें कोई ज्ञान नहीं है। वह अज्ञानतावश ऐसी बातें कहते हैं और उन्हें ज्यादा महत्व नहीं दिया जाना चाहिए।’
फडणवीस ने माना सच
पवार के बयान के बाद फडणवीस ने कहा,’शरद पवार ने जो कहा वह सच है। 1977 में मैं प्राइमरी स्कूल में ही था। लेकिन इससे इतिहास नहीं बदलता। इतिहास यही है कि शरद पवार के नेतृत्व में 40 विधायकों ने वसंत दादा पाटील की सरकार गिराई थी। मैंने यह नहीं कहा था कि शरद पवार ने बेइमानी की थी।’
फडणवीस ने शरद पवार के बारे में 45 साल पुरानी घटना का हवाला देकर एकनाथ शिंदे की शिवसेना से की गई बगावत को सही साबित करने की कोशिश की थी। पवार ने अपनी बगावत में जनसंघ यानी तत्कालीन बीजेपी के भी शामिल होने का हवाला देकर यह जताने की कोशिश की है कि बीजेपी पद और सत्ता के लिए शुरू से ही सरकारों को गिराने के खेल में शामिल रही है।