पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) अगर किसी परिवार में कोरोना का मरीज पाया जाता है या घर का कोई सदस्य अलगाव में जाता है, तो कोरोना अवधि के दौरान उस परिवार में पालतू जानवरों की देखभाल का सवाल उठता है। पीड़ितों के घरों में कुत्तों और बिल्लियों को असुविधा से बचाने के लिए पुणे में एक पालतू छात्रावास स्थापित करने का विचार लागू किया गया है। डी पी सड़क पर महालक्ष्मी लॉन के पास द डॉग हाउस नामक पशु छात्रावास चार साल पहले शुरू किया गया था। हालांकि कोरोनरी हृदय रोग में वृद्धि के कारण कई घरेलू पालतू जानवरों की उपेक्षा की जाने लगी।
चिकित्सा के लिए अस्पताल में भर्ती घरेलू सदस्यों ने अपने पालतू जानवरों के आहार और विहार पर प्रतिबंध लगा दिया। द डॉग हाउस की पूजा गायकवाड़ ने ऐसे घरों में जानवरों को उचित सुविधा प्रदान करने के लिए प्रयास शुरू किए्। वह पिछले पंद्रह वर्षों से कुत्ते को पालने के क्षेत्र में काम कर रही है। हॉस्टल परिवार के उन कुत्तों और बिल्लियों की देखभाल करता था जो कुछ दिनों के लिए काम या परिवार के बाहर,कार्यक्रमों के लिए दूसरे राज्यों,जिलों जा रहे थे। लेकिन कोरोना संसर्ग के दौरान उन्होंने अपने छात्रावास के उद्देश्य को बदल दिया। वर्तमान में यह कई पालतू माता-पिता को लाभान्वित कर रहा है।
छात्रावास में चार कर्मचारी है। यहां जानवरों के मालिकों द्वारा मामूली शुल्क पर कुत्तों की देखभाल की जाती है। कुत्ते,बिल्ली के स्नान,स्वच्छता,पैदल चलना,चिकित्सा संबंधी सभी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जाता है। पिछले साल भर में कई रोगियों के पालतू जानवरों को यहाँ लाया गया है। घरेलू रोगी अलगाव अवधि के अंत तक जानवरों को यहां रखा जाता है। यदि परिवार का कोई सदस्य कोरोनोवायरस से संक्रमित है और व्यक्ति घर में अलग-थलग है, तो परिवार के अन्य सदस्य घर से बाहर नहीं जा सकते। इसलिए उस समय के दौरान यह देखा गया कि कुत्ते को टहलने और उसकी देखभाल करने में समस्याएं थी्ं। इसलिए यह परियोजना लागू की गई