औरंगाबाद(व्हीएसआरएस न्यूज) कोेरोना काल में जीवनदायनी बनी वेंटिलेटर की डिमांड हर अस्पतालों को है। इसके बिना मरीज बेमौत मर रहे है। केंद्र ने संकट की घडी में महाराष्ट्र के मराठवाडा को पीएम केअयर फंड से 115 वेंटिलेटर मशीनें उपलब्ध करायी है। लेकिन 115 में से 113 वेंटिलेटर खराब निकल गए। औरंगाबाद हाईकोर्ट बेंच ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केंद्र सरकार से सवाल जवाब किए है। जिसकी सुनवाई 28 मई होने वाली है।
अभी 37 वेंटिलेटर को खोला नहीं गया है। इनको प्रायवेट अस्पतालों में भेजा जाना था। न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे की बेंच ने केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है। खराब वेंटिलेटर प्रकरण में राजनीति रोटियां सेंकने के लिए कुछ नेता कूद पडे है। हॉस्पिटल पहुंचे है। कोर्ट ने इस पर भी नाराजगी व्यक्त की है कि ये लोग वेंटिलेटर के ज्ञाता हैं या एक्सपर्ट है। अस्पतालों में इनका क्या काम? कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि वेंटिलेटर जीवनरक्षक उपकरण है अगर ठीक से काम नहीं करेगी तो मरीज की जान जा सकती है। यह एक घोर लापरवाही है। केंद्र जांच के बाद भेजना चाहिए था।