पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्य को और 15 दिनों के लॉकडाउन की जरूरत है। इसको लेकर सभी से बातचीत चल रही है। राज्य में लॉकडाउन को 15 दिनों से अधिक के लिए बढ़ाया जाएगा। हालांकि अभी अंतिम निर्णय होना है,राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा। ऐसे में संकेत हैं कि 1 जून से और 15 दिनों के लिए लॉकडाउन बढ़ जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बयान दिया। यदि राज्य में सकारात्मक दर 10 प्रतिशत से अधिक है,तो इसे धीमी गति से जाना चाहिए। इसलिए लॉकडाउन को 15 दिनों से अधिक की अवधि के लिए माना जा रहा है। साथ ही सभी भीड़भाड़ वाले कार्यक्रम बंद रहेंगे। टोपे ने कहा कि जिन जिलों में कोरोना का स्तर गिरा है,वहां कुछ छूट दी जाएगी।
महाराष्ट्र में ज्यादा से ज्यादा इंजेक्शन का वितरण
म्यूकोसाइटिस के रोगियों को मुफ्त इलाज प्रदान करने के लिए महात्मा फुले जन आरोग्य योजना लागू की गई है। इसलिए मरीजों को इस योजना के तहत इलाज कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुल 131 अस्पताल इस बीमारी का मुफ्त इलाज कर रहे हैं। म्यूकोसल माइकोसिस के इंजेक्शन की भी कमी है। इसलिए निजी अस्पताल में समय पर नहीं मिलता। इंजेक्शन केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार द्वारा महाराष्ट्र को दिए गए इंजेक्शन की संख्या के अनुसार वितरण किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि इंजेक्शन उपलब्ध कराने में कठिनाइयों के कारण मरीजों के परिजन परेशान हो रहे थे। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री नितिन गडकरी ने वर्धा में म्यूकर माइकोसिस के इंजेक्शन का उत्पादन शुरू करने पर गडकरी को बधाई दी। इसलिए महाराष्ट्र को बड़ी संख्या में इंजेक्शन मिलेंगे।
बच्चों के लिए कोई टीकाकरण नीति नहीं
उन्होंने टीकाकरण पर भी टिप्पणी की। ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया गया है। लेकिन तकनीकी मुद्दे हैं। इसे खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें केंद्र को भी दखल देना चाहिए। ये सभी विषय केंद्र के अधिकार क्षेत्र में हैं। हमने टीकाकरण के लिए अलग से धनराशि निर्धारित की है। हम एक चेक से सारी राशि का भुगतान करने के लिए तैयार हैं। यही हम बार-बार कहते हैं। अब केंद्र को ही टीकाकरण पर निर्णय लेना चाहिए। देश में अभी तक बच्चों के टीकाकरण को लेकर कोई नीति नहीं बनी है।
जनता और जनप्रतिनिधियों की चिंता
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने राज्य सरकार को चुनौती दी थी कि अगर हिम्मत है तो दो दिवसीय अधिवेशन आयोजित करें। इसका उन्होंने जवाब भी दिया है। हम हमेशा सम्मेलन आयोजित करते रहे हैं। हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं। हम ऐसे लोग हैं जो लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। हम कानूनी मुद्दों को उठाने जा रहे हैं। हम लोगों और जनप्रतिनिधियों की परवाह करते हैं। हम केवल वैज्ञानिक तरीके से सोचते हैं।