National News नई दिल्ली(व्हीएसआरएस न्यूज) केंद्र सरकार ने गुरुवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 का रिजल्ट जारी किया। एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में सातवीं बार इंदौर पहले स्थान पर रहा। सूरत को भी इंदौर के साथ संयुक्त रूप से पहला स्थान मिला। महाराष्ट्र का नवी मुंबई तीसरे,आंध्र प्रदेश का विशाखापट्टनम चौथे और मध्य प्रदेश का भोपाल पांचवें नंबर पर रहा।
वहीं एक लाख से कम आबादी वाले शहरों में महाराष्ट्र का सासवड पहले,छत्तीसगढ़ का पाटन दूसरे और महाराष्ट्र का लोनावाला तीसरे स्थान पर रहा। देश के स्वच्छ राज्यों की कैटेगरी में इस बार महाराष्ट्र को पहला, मध्य प्रदेश को दूसरा और छत्तीसगढ़ को तीसरा स्थान मिला। पिछली बार मध्य प्रदेश पहले स्थान पर था। गंगा किनारे बसे सबसे साफ शहरों में वाराणसी पहले और प्रयागराज दूसरे स्थान पर रहा। इसके अलावा मध्य प्रदेश के महू को सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड का अवॉर्ड मिला है। बेस्ट सफाई मित्र सुरक्षित शहर का अवॉर्ड चंडीगढ़ को दिया गया। दिल्ली के भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने इन राज्यों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। इस बार कुल 9500 अंक का सर्वेक्षण हुआ है। इसमें सर्विस लेवल प्रोग्रेस पर 4525, सर्टिफिकेशन पर 2500 और पब्लिक फीडबैक पर 2475 दिए गए।
2022 के सर्वे में मध्य प्रदेश सबसे साफ स्टेट था
2022 में राजस्थान-महाराष्ट्र को पछाड़ कर मध्य प्रदेश देश का सबसे स्वच्छ राज्य बन गया था। 100 से अधिक शहरों वाले राज्य में मध्य प्रदेश नंबर-1 पर आया था। वहीं, इंदौर ने सफाई का सिक्सर लगाया था। भोपाल भी सातवें से छठवें रैंकिंग पर आ गया था। 2017 और 2018 में भोपाल देश का दूसरा सबसे स्वच्छ शहर था। वर्ष 2016 में सिर्फ 73 शहर थे। तब भी इंदौर नंबर-1 पर रहा था। अब 4355 शहर इस दौड़ में शामिल थे। फिर भी इंदौर ने नंबर-1 का तमगा हासिल किया। इंदौर वर्ष 2017 से ही देशभर में नंबर-1 पर आ रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में मध्यप्रदेश को कुल 27 सम्मान मिले थे। इसमें 18 शहर स्टार रेटिंग और 9 शहर स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए थे। वहीं, 2021 के सर्वेक्षण में कुल 35 अवॉर्ड मिले थे।
दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण
भारत का स्वच्छता सर्वेक्षण दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण है। शहरों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए 2016 में इसकी शुरुआत की गई थी। इस बार सर्वे की थीम वेस्ट टू वेल्थ रखी गई थी। स्वच्छता सर्वेक्षण के 8वें सीजन के तहत 2023 में 4500 से ज्यादा शहरों को लिस्ट में रखा गया था।एक जुलाई से 3 हजार कर्मचारियों को इन शहरों में स्वच्छता का मूल्यांकन करने का काम सौंपा गया था। शहरों का आंकलन 46 पैरामीटर पर किया गया। इसमें करीब 10 करोड़ नागरिकों से फीडबैक लेने का लक्ष्य था।
शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए रैंकिंग के पैरामीटर
स्वच्छता सर्वेक्षण में साफ और गंदगी मुक्त शहरों को रैंकिंग तय करने के लिए कई पैरामीटर इस्तेमाल किए जाते हैं। इसमें घर-घर कूड़ा इकठ्ठा करने से लेकर प्लास्टिक वाले कचरे का मैनेजमेंट तक शामिल है। इस बार ’मैनहोल’ को ’मशीन होल ’ में बदलने पर जोर देते हुए सफाईमित्र सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई थी। इसके लिए दोगुने अंक बढ़ाए गए थे। वेस्ट टू वंडर पार्क का नया पैरामीटर भी जोड़ा गया था। जिन शहरों ने इस पैरामीटर को पूरा किया, उसे नंबरों में 2% वेटेज दिया गया। शहरों से निकले कूड़े का तकनीक की मदद से कितना और क्या उपयोग किया जा रहा है, इस पर 40% वेटेज दिया गया। इसके अलावा रेड स्पॉट (कॉमर्शियल/रेसिडेंशियल एरिया में थूकना) को भी एक नए पैरामीटर के रूप में जोड़ा गया था।