पिंपरी(व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी चिंचवड़ पालिका ने कोरोना के बढ़ते प्रसार को रोकने के लिए मास्क का उपयोग नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक जोरदार अभियान चलाया है। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि प्रशासन ने जलपूर्ति और जल निकासी को छोड़कर पालिका के सभी अभियंताओं,कनिष्ठ अभियंताओं,बीट निरीक्षकों को दिन-प्रतिदिन की जिम्मेदारी सौंपने का आदेश दिया है। उन लोगों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा जो मास्क नहीं पहनते हैं और सड़क पर थूंकने वालों पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाएंगे। इस बीच कुछ गैर-सरकारी संगठनों को भी काम सौंपा जाएगा और उन्हें 30 प्रतिशत कमीशन देने का प्रस्ताव है। कोरोना के नाम पर शुद्ध धन एकत्र करने के पालिक के निर्णय पर नागरिकों ने नाराजगी व्यक्त की है। पुणे और पिंपरी चिंचवड़ में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। हर दिन औसतन डेढ़ हजार मरीज जुड़ते हैं। शहर के मंगल कार्यालयों,होटल,रेस्तरां,बार,सब्जी मंडियों,बाजारों में बड़ी संख्या में लोग बिना मास्क पहने घूमते नजर आते हैं। राजनीतिक,सांस्कृतिक,सामाजिक,धार्मिक आयोजन,सभा,सम्मेलन,शैक्षिक विभागों में भीड़ होती है। इसलिए प्रशासन का अनुमान है कि कोरोना का प्रसार बढ़ रहा है। ऐसे सभी स्थानों पर मास्क और सैनिटाइज़र के उपयोग की कमी है। नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पालिका आयुक्त राजेश पाटिल ने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए एक परिपत्र जारी किया है और सभी फील्ड अधिकारियों,कार्यकारी इंजीनियरों को तत्काल बैठक आयोजित करने का आदेश दिया है। कोरोना को रोकने के समाधान के रूप में पालिका प्रशासन इस अजीब रणनीति के साथ काम कर रहा है। पिंपरी चिंचवड़ पुलिस,ट्रैफिक पुलिस और पालिका के स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग के कर्मचारी पहले से ही कोरोना रोकथाम अभियान में जुटे थे। अब इंजीनियरों की हर सीधी टीम इस तरह से जुर्माना वसूलने का काम करेगी। वह हर दिन कम से कम 10 से 20 हजार रुपये वसूल करके और कार्यालय के लेखा अधिकारी के पास जमा करना पडेगा। आयुक्त के निर्देश के अनुसार जो लोग मास्क का उपयोग नहीं करते हैं, उन्हें 500 रुपये का जुर्माना और सड़क पर थूकने वालों को 1,000 रुपये का जुर्माना लगेगा।
संबंधित अधिकारी अगले आदेश तक इस काम को नियमित रूप से पूरा करने के लिए बाध्य रहेंगे। नए आयुक्त के आदेश के अनुसार अतिरिक्त आयुक्त अजीत पवार ने सभी विभागों को लिखित आदेश दिए हैं। पालिका के अधिकांश इंजीनियर आदेश से असंतुष्ट हैं। इस नए काम को करने के लिए रोजाना काम करने में आधा दिन लगेगा। इंजीनियरों के अनुसार विकास कार्यों की निगरानी और अन्य कार्यों की फाइलों के निपटान पर इसका बड़ा प्रभाव पड़ेगा। यह भी आपत्ति है कि इस काम में सामाजिक संगठनों को जुर्माना जमा करने का अधिकार देना बहुत महंगा पड़ेगा। ऐसे संगठनों को 500 रुपये और 1000 रुपये के जुर्माने की वसूली का अधिकार देना संगठनों को पालिका का अधिकार सौंपने के बराबर है। यह अनुमान लगाया गया है कि इससे केवल भ्रष्ट्राचार पनपेगा।