पुणे। व्हीएसआरएस न्यूज: वैश्विक महामारी कोरोना काल में ‘आयुष’ के उपायों से लोगों को काफी मदद हुई इसके चलते आयुर्वेद पर लोगों का विश्वास बढने लगा है साथ उसकी मांग भी बढ गई है। वहीं भविष्य में स्वास्थ्य प्रबंधन में आयुर्वेद व औषधि वनस्पतियों का उपचार में अहम स्थान होगा। आयुर्वेदिक औषधियों के उत्पादन में गुणवत्तायुक्त कच्चा माल लगेगा। रोप वाटिका, हर्बल गार्डन को बढावा मिलेगा इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढाने में इससे मदद मिलेगी, ऐसा केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपाद नाइक ने कहा है।
मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ युवा शक्ति की नई संकल्पनाओं को प्रोत्साहन देकर भारत की ५ हजार वर्षों की आयुर्वेद प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए २०० करोड़ रुपए के महत्वाकांक्षी प्रकल्प माईंड टू मार्केट (‘एम टू एम ‘) का शुभारंभ आयुष विभाग के केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीपाद नाईक ने किया। हालांकि ‘बी वी जी लाइफ सायन्सेस लिमिटेड के प्रमुख हणमंतराव गायकवाड ने कहा कि ,’बी वी जी लाइफ सायन्सेस लिमिटेड आयुर्वेदिक व औषधिय वनस्पतियों से सभी विकारों के लिए गुणकारी औषधि बना रही है। युर्वेदिक औषधियों पर संशोधन, प्रमाणीकरण, निर्मिति व विपणन पर जोर दिया जाएगा।
भारत 5 हजार वर्षों से वनौषधियों का खजाना है।इन वनौषधिय,आयुर्वेद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का हमारा प्रयत्न है इस प्रकल्प में युवकों व विद्यार्थियों को आयुर्वेदिक व औषधिय वनस्पति के उपयोग के संबंध में नव संकल्पना व मार्गदर्शन पर बल दिया जाएगा। युवको को संशोधन, प्रमाणीकरण, उत्पादन, विपणन का मार्गदर्शन किया जाएगा. उसके लिए गुजरात सरकार ने बी वी जी लाईफ सायन्सेस लिमिटेड से सहयोग करार किया है।
मौक़े पर गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासामा,स्टार्ट अप एंड इनोवेशन हब (आय हब) के चीफ मेंटॉर हिमांशू पांड्या,सीईओ हिरण्मय महंता उपस्थित थे ।