Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) ने स्लम निवासियों को आगे आने और स्लम पुनर्वास में तेजी लाने के लिए सोसायटी बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक अभियान शुरू किया है। प्रथम चरण में शहर के झुग्गीवासियों की पात्रता सूची का निर्धारण किया जायेगा। उसके बाद उनके माध्यम से सोसायटी की स्थापना होगी।
राज्य सरकार ने शहरों को स्लम-मुक्त बनाने के लिए ’एसआरए’ की स्थापना की,लेकिन सरकारी नीति में निरंतरता की कमी के कारण 17 वर्षों में 60 से अधिक मलिन बस्तियों का पुनर्वास नहीं किया जा सका। सरकारी नीतियों के कारण डेवलपर्स भी आगे आने से कतरा रहे हैं। नतीजा यह हुआ कि शहरों को स्लम-मुक्त बनाने का सपना कागजों पर ही सिमट कर रह गया है।
मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक, डेवलपर के आगे आने के बाद झुग्गी-झोपड़ियों का पुनर्वास शुरू होता है। अब निर्णय लिया गया है कि झुग्गीवासियों को आगे बढ़कर पुनर्वास का मुद्दा खुद उठाना चाहिए। इसके लिए झुग्गीवासियों को एकजुट होकर एक सहकारी आवास समिति बनानी चाहिए। प्राधिकरण ने मलिन बस्तियों के त्वरित पुनर्वास के उद्देश्य से मलिन बस्तियों के निवासियों के लिए सहकारी आवास समितियों की स्थापना करने की पहल की है। सोसायटी की स्थापना के लिए योग्य सदस्यों की एक सूची तय की जानी चाहिए। इसलिए झोपड़ी मालिकों को पात्र सदस्यों की सूची निर्धारित कर लेनी चाहिए। ऐसा नीलेश गटणे, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, एसआरए ने कहा।
पुणे शहर में लगभग 550 झुग्गियां हैं। केवल योग्य झोपड़ी धारक सदस्य ही एक साथ आकर सोसायटी बना सकते हैं। इसलिए प्राधिकरण ने पहले चरण में पात्र झुग्गीवासियों की सूची तैयार करने की अपील की है।
सोसायटी के निगमन के बाद लाभ
पंजीकृत सहकारी आवास समितियों की स्थापना के मामले में सर्वेक्षण,पात्रता निर्धारण की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाना
सदस्यों के लिए सोसायटी के माध्यम से पुनर्विकास के लिए डेवलपर्स का चयन करने का अवसर
सोसायटी के माध्यम से झुग्गीवासी अपना पुनर्विकास प्रस्ताव दाखिल कर सकते हैं
व्यक्तिगत शिकायतों का निवारण सोसायटी स्तर पर ही किया जा सकता है
प्रस्ताव के लिए शर्तें
एक सोसायटी बनाने के लिए न्यूनतम 11 सदस्यों की आवश्यकता होती है
स्लम बस्ती के कम से कम 51 प्रतिशत सदस्य समाज के सदस्य होने चाहिए
अथवा यदि योजना प्रगति पर है तो संबंधित योजना का विकसक