Alandi News आलंदी(व्हीएसआरएस न्यूज) राज्य के लाखों तीर्थयात्रियों की आस्था का केंद्र इंद्रायणी नदी एक बार फिर गटरगंगा बनकर बह रही है। इंद्रायणी नदी के तल में छोड़े गए रसायन युक्त पानी के कारण इंद्रायणी नदी एक बार फिर प्रदूषित हो गई है। रासायनिक मिश्रित पानी के कारण इंद्रायणी नदी का तल पूरी तरह से झागदार हो गया है। साथ ही इस रसायन युक्त पानी के कारण इंद्रायणी नदी के जलीय जीवन और निवासियों का स्वास्थ्य एक बार फिर खतरे में पड़ गया है। महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पिंपरी चिंचवड़ पालिका और पीएमआरडीए को बार-बार कारण बताओ नोटिस जारी करने के बावजूद इंद्रायणी नदी का प्रदूषण जस का तस है।
इंद्रायणी नदी का प्रदुषित जल को देख संत समाज में आक्रोश
इंद्रायणी नदी के किनारे के गांवों से निकलने वाला गंदा पानी और कारखानों से निकलने वाला रसायन युक्त अपशिष्ट प्रदुषित पानी बिना किसी प्रक्रिया के सीधे इंद्रायणी नदी में छोड़ा जाता है। इसके चलते इंद्रायणी नदी में अक्सर झाग निकलता दिखाई देता है। मानो नदी नहीं हिमगिरी की चादर हो। आज 10 तारीख को दूसरे दिन आलंदी में सिद्धबेट के पास बांध के नीचे की नदी झागदार नजर आई। इंद्रायणी नदी में पानी पर बड़ी मात्रा में सफेद बदबुदार झाग तैर रहा था। ऐसा लग रहा था मानों इंद्रायणी नदी ने बर्फ की नदी का रूप धारण कर लिया हो। एक तरफ जल प्रदूषण के कारण इंद्रायणी नजर आ रही थी। दूसरी तरफ गीता भक्ति अमृत महोत्सव का अमृतवाणी की वर्षा हो रही है। जिसमें देश के नामचीन अध्यात्मिक संतों गुरुओं का महाकुंभ आलंदी तीर्थक्षेत्र में लगा है। अपने संतों की वाणी को सुनने और दर्शन करने के लिए दूरदराज से भक्तों का मेला लगा है। ये भक्त प्रदुषित नदी जल में स्नान करने के लिए बाध्य हैं। लगातार हो रहे इस जल प्रदूषण से स्थानीय नागरिक काफी नाराजगी जता रहे हैं। वहीं हजारों की संख्या में जुटे भक्तों की आस्था को ठेस पहुंच रही है। लेकिन श्रीमंत पिंपरी चिंचवड मनपा प्रशासन और संबंधित विभाग के अधिकारियों को आज तक शर्म नहीं आयी।
नदी सुधार,साफसफाई के नाम पर पालिका तिजोरी से करोड़ों की निकासी
इंद्रायणी नदी स्वच्छ के नाम पर पालिका तिजोरी से करोडों रुपये की निकासी हो चुकी है। प्रतिवर्ष करोडों रुपये का जलपर्णी हटाने के नाम पर टेंडर निकाला जाता है और बरसात का इंतजार किया जाता है। इंद्रायणी हो अथवा पवना नदी,किन कंपनियों का रसायन युक्त पानी नदी में बेधडक छोड़ा जा रहा है? और किसके आशीर्वाद से? क्या पालिका प्रशासन कार्रवाई करेगा? देश के विख्यात संत महात्माओं का गीता भक्ति अमृत महोत्सव का कार्यक्रम शुरु है। अध्यात्मिक गुरु गोविंद गिरी महाराज,बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री,रवि शंकर महाराज,सुधांशु महाराज,चिन्ना जियारा स्वामी महाराज,साध्वी रीता भारीजी जैसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के धर्म गुरुओं का आलंदी में विचारों की गंगा बह रही है तो दूसरी ओर गटरगंगा बनी इंद्रायणी नदी बह रही है। संतसमाज इसे देखकर मन में क्या भाव लेकर जाएंगे। शहर की प्रतिमा उनकी नजर में कैसे छाप छोडेगी? यही कि…माउली तेरी इंद्रायणी मैली…पापियों के पाप धोते धोते…इसका अंदाजा पालिका प्रशासन और प्रशासक राजा को शायद नहीं।