Pcmc News पिंपरी (व्हीएसआरएस न्यूज) पिंपरी-चिंचवड़ शहर से होकर बहने वाली पवना नदी एक बार फिर प्रदूषण की चपेट में आ गई है। थेरगांव के केजुबाई बांध में पवना नदी बर्फीला क्षेत्र बन गई है। नदी ही झागदार रूप में दिखाई देती है। एक पल के लिए ऐसा लगता है कि यह पवना नदी नहीं बल्कि हिमालय की बर्फीली नदी है। सामाजिक संगठनों द्वारा बार-बार पालिका प्रशासन को शिकायत करने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला, जिससे पालिका की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है।
पिंपरी चिंचवड शहर से होकर पवना नदी और इंद्रायणी नदी बहती है। विभिन्न कल कारखानों के प्रदूषित पानी,बदबूदार नालों का पानी दोनों नदियों में समाविष्ट हो रहा है। पालिका प्रशासन नदी संवर्धन और साफसफाई के लिए बड़े बड़े दावे तो करती है,करोडों रुपये स्वाहा भी हो चुके हैं,लेकिन नदियों का पानी किसी गटर गंगा से कम नहीं। अगर पानी को कोई छू ले तो चर्मरोग से प्रभावित हो सकता है। यूपी,बिहार के आंचल से निकला देश विदेश में छठपूजा का त्यौहार नदी तट पर 19 नवंबर को मनाया जाएगा। यह धार्मिक त्योहार में नदी के अंदर घूटने भर पानी में व्रती माताएं सूर्यनारायण को अर्ध्य देती है। विषैले नदी के पानी में ये कैसा संभव हो पाएगा? पालिका प्रशासन कृपया इस ओर ध्यान दें।
थेरगांव में केजूदेवी बांध और चिंचवड़गांव में श्री मोरया गोसावी घाट के बीच, पवना नदी में भारी झाग था। शहर के नालों का पानी बिना किसी प्रक्रिया के सीधे नदी में छोड़ दिया जाता है। साथ ही नदी में रसायन मिश्रित पानी भी मिलाया जाता है। इससे पवना नदी की स्थिति खराब हो गयी है। पानी पर बदबूदार झाग बनना, ये प्रकार निरंतर चलते रहते हैं। नदी की सेहत बिगड़ने से शहरवासियों की सेहत पर भी असर पड़ेगा।