दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज : हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। हिंदू पंचांग में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी कहते हैं। साल 2021 में अजा एकादशी का व्रत 3 सितंबर, दिन शुक्रवार को रखा जाएगा। अजा एकादशी के दिन व्रत रहकर भगवान श्रीहरि की विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस दिन श्रीहरि की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है। इस व्रत को करने से अश्वमेघ यज्ञ करने से ज्यादा पुण्य प्राप्त होता है। श्रीहरि की कृपा से व्यक्ति को मृत्यु के बाद उनके श्री चरणों में स्थान प्राप्त होता है। जागरण अध्यात्म में जानते हैं कि अजा एकादशी की सही तिथि, पूजा मुहूर्त, पारण समय क्या है।
अजा एकादशी व्रत कथा
राजा हरिश्चंद्र को तो सब जानते हैं। सतयुग में जब देवताओं ने राजा हरिश्चंद्र की परीक्षा ली तो उन्होंने सपने में अपने वचन के खातिर संपूर्ण राज्य ऋषि विश्वामित्र को दान में दे दिया। अगली सुबह विश्वामित्र राजा से पांच सौ स्वर्ण मुद्राएं दान में मांगी तब राजा ने कहा कि आप जितना चाहे ले सकते हैं, तब विश्वामित्र कहा कि आप तो पहले से ही मुझे सब कुछ दे चुके हैं और फिर आप दान की हुई चीज को फिर से दान कैसे दे सकते हैं। तब राजा हरिश्चंद्र ने अपनी पत्नी और पुत्र को गिरवी रख दिया और स्वयं को दास के रूप में एक चांडाल के यहां काम करने लग गए। विष्णु भक्त हरिशचंद्र तमाम कष्टों के बाद भी धर्म का रास्ता नहीं छोड़ा।
एक दिन भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को राजा के पूरे परिवार ने कुछ खाया नहीं था और वे वैसे भी हरि नाम लेते रहते थे और उस दिन भी हरि नाम संकीर्तन कर रहे थे और श्मशान के द्वार पर पहरा दे रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि राजा की पत्नी अपने बेटे रोहिताश्व का मृत शरीर हाथों रोते हुए श्मशान की तरफ चली आ रही है। इस पर राजा ने अपने पुत्र का दाह संस्कार करने के लिए पत्नी से पैसे मांगे क्योंकि राजा चांडाल के सेवक थे और उन्हें अपने मालिक से आज्ञा प्राप्त थी कि जो भी अंतिम संस्कार कराने आएगा, उससे कुछ न कुछ शुल्क अवश्य लिया जाएगा। लेकिन रानी के पास देने को कुछ नहीं था तो उन्होंने साड़ी का टुकड़ा फाड़कर दे दी। राजा के कर्तव्य परायणता को देखकर भगवान बहुत प्रसन्न हुए और उनके पुत्र को जीवित कर दिया और सारा राजपाट वापस लौटा दिया। इस प्रकार अजा एकादशी का व्रत करने से राजा हरिश्चंद्र के सभी दुखों का अंत हुआ।
अजा एकादशी 2021 मुहूर्त
हालांकि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 02 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 21 मिनट से हो रहा है। यह एकादशी तिथि अगले दिन 03 सितंबर को प्रात: 07 बजकर 44 मिनट तक है। ऐसे में उदया तिथि 03 सितंबर दिन शुक्रवार को प्राप्त है, इसलिए अजा एकादशी का व्रत 03 सितंबर को ही रखा जाएगा।
अजा एकादशी 2021 पारण समय
आपको बताते चले की जो लोग अजा एकादशी का व्रत रखेंगे, उनको पारण करके व्रत को पूरा करना होगा। पारण किए बगैर कोई व्रत पूरा नहीं माना जाता है। ऐसे में अजा एकादशी व्रत का पारण करने का समय 04 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 01 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 24 मिनट तक है। इस समय काल में आप आज एकादशी व्रत का पारण कर लें।