मेरठ|व्हीएसआरएस न्यूज: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ में यूं तो आपको विभिन्न ऐतिहासिक सिद्धपीठ का उल्लेख मिलेगा, जहां पर दर्शन मात्र से ही भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं| कुछ इसी तरह की मान्यता जागृति विहार स्थित बगलामुखी माता के पीतांबरा देवी मंदिर से भी जुड़ी हुई है| मान्यता है कि मां पीतांबरा देवी की विशेष पूजा अर्चना करने से कोर्ट कचहरी में जो वर्षों से मामले चलते आ रहे हैं, उनका भी निवारण हो जाता है| यही कारण है कि दूरदराज से भक्त मां पीतांबरा देवी के दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंचते हैं|
मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सुरेंद्र मणि महाराज कहते हैं कि मां पीतांबरा देवी की पूजा अर्चना करने के लिए नियमों का विशेष ध्यान रखना पड़ता है| वह कहते हैं कि जब भी मां पीतांबरा देवी की पूजा अर्चना करें, तो उसके लिए एक समय निर्धारित करें| प्रतिदिन उसी समय ही मां की आराधना करें| क्योंकि किसी भी पूजा पद्धति में ध्यान बेहद महत्वपूर्ण विषय होता है| यही नहीं वह कहते हैं कि यज्ञ के माध्यम से अगर व्यक्ति सच्चे मन से मां का अनुष्ठान करे, तो उसकी सभी मनोकानाएं पूरी होती है,कहा कि 10 विधाओं की देवी मां पीतांबरा देवी होती हैं| ऐसे में जो भी विरोध होता है मां पीतांबरा देवी की कृपा से दूर हो जाता है|
विद्या की देवी भी हैं मां
मान्यता है कि जो भी स्टूडेंट पढ़ाई में कमजोर होते हैं| अगर वह माता की प्रतिदिन पूजा अर्चना करें, तो उनके भी जीवन में बदलाव आता है| वह भी तरक्की करते हैं| हालांकि विशेष बात यह है की पूजा अर्चना करने के लिए एक समय आपको निर्धारित करना होगा| उसी समय प्रतिदिन पूजा-अर्चना करनी होगी| वह बताते हैं कि भारत की बात करें तो मध्यप्रदेश के दतिया में मां बगलामुखी पीतांबरा देवी का प्रथम सिद्धपीठ है| उसके बाद हिमाचल प्रदेश में द्वितीय सिद्धपीठ है| अगर आप भी मां पीतांबरा देवी के दर्शन करना चाहते हैं तो इस गूगल मैप का सहारा ले सकते हैं|
उत्तर भारत का प्रथम सिद्ध पीठ है
आपको बताते चलें कि मध्य प्रदेश के दतिया में बंगलामुखी पीतांबरा देवी का प्रथम स्थान है| उसके बाद हिमाचल प्रदेश में द्वितीय सिद्ध पीठ माना जाता है| अगर उत्तर भारत की बात करें तो मेरठ में यह प्रथम सिद्ध पीठ है| जहां बगलामुखी मां पीतांबरा देवी विराजमान है| दर्शन करने से यहां भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है|