आज 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि की शुरूआत हुई है और इस समय खरमास चल रहा है. इसकी वजह से शादी, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होंगे. हालांकि नवरात्रि के मध्य में खरमास का समापन हो रहा है, लेकिन मई और जून में विवाह और गृह प्रवेश के लिए कोई शुभ मुहूर्त नहीं है, जबकि अप्रैल में विवाह के लिए केवल 3 दिन ही शुभ मुहूर्त हैं. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि खरमास कब खत्म हो रहा है? मई और जून में विवाह और गृह प्रवेश के लिए कोई शुभ मुहूर्त क्यों नहीं है? अप्रैल 2024 में विवाह के कितने मुहूर्त हैं?
कब खत्म हो रहा है खरमास 2024 ?
अप्रैल में लगा यह खरमास सूर्य देव के मेष राशि में प्रवेश करने के साथ ही खत्म होगा. मेष संक्रांति के प्रारंभ के साथ ही खरमास का समापन हो जाता है. इस साल सूर्य देव 13 अप्रैल दिन शनिवार को 09:15 पीएम पर मेष राशि में प्रवेश करेंगे. उस समय सूर्य की मेष संक्रांति होगी. 13 अप्रैल को रात 09:15 बजे से खरमास का समापन हो जाएगा.
मई और जून में क्यों नहीं है विवाह और गृह प्रवेश मुहूर्त?
आपको बता दें कि 25 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 19 मिनट से शुक्र ग्रह अस्त हो रहा है और वह 66 दिनों तक अस्त रहने के बाद 29 जून शनिवार को शाम 07 बजकर 52 मिनट पर उदित होगा. वहीं मांगलिक कार्यों के लिए कारक ग्रह गुरु यानी देवों के गुरु बृहस्पति 30 दिन के लिए अस्त होंगे. गुरु ग्रह 7 मई दिन मंगलवार को शाम 07 बजकर 36 मिनट पर अस्त हो रहे हैं. वे 6 जून गुरुवार के दिन प्रात: 04 बजकर 36 मिनट पर उदित होंगे
शुभ कार्यों के लिए गुरु ग्रह का उदित अवस्था में रहना जरूरी है, वहीं शुक्र के उदित होने से सुख और समृद्धि बढ़ेगी, वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ेगा. यदि शुक्र अस्त हो और उस समय विवाह होता है तो दांपत्य जीवन में कटुता आती है, जिससे रिश्ता टूट सकता है. इन दो बड़े ग्रहों के अस्त होने के कारण ही मई और जून में विवाह एवं गृह प्रवेश का कोई मुहूर्त नहीं हैं.
खरमास में इन मंत्रों का करें पाठ: खरमास के दौरान हवन पूजन करते समय कुछ दिव्य मंत्रों का उपयोग करना शुभ माना गया है. खरमास के प्रभाव को उज्जवल बनाने के लिए हर दिन साधकों को गायत्री मंत्र का पाठ करना चाहिए. सूर्य चालीसा, सूर्य सहस्त्रनाम, आदित्य हृदय स्त्रोत, राम रक्षा स्त्रोत आदि का पाठ करना खरमास में अत्यंत शुभ माना गया है. खरमास के समय पड़ने वाले रविवार को उपवास, व्रत, दान, स्नान, ध्यान और योग करना अत्यंत ही कल्याणकारी माना जाता है. इस समय माणिक, रत्न, पहनना या माणिक रत्न प्रदान करना कल्याणकारी माना जाता है.
खरमास में पितृ पूजन का महत्व: साथ ही पिता की पूजा करना, पिता के प्रति श्रद्धा, सेवा, अर्पण की भावना रखना भी बहुत कल्याणकारी माना गया है. पितरों को स्मरण करते हुए पितरों की याद में दान, पुण्य, दीपदान, ज्योति जलाना श्रेष्ठ माना गया है. माना जाता है कि ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद आपके मिलेगा.
खरमास के दौरान क्या करें: खरमास के समय दीपदान, यज्ञ, दान, सरोवर स्नान, नदी स्नान और ब्राह्मणों को दान देना अत्यंत उत्तम माना जाता है. इस समय पूरे मन से सूर्य देव की पूजा करना चाहिए, ऐसा करना अत्यंत शुभ माना गया है. मां भगवती की पूजा करते समय सूर्य, गायत्री अथवा गुरु गायत्री मंत्रों के जरिए भगवती का पूजन करना चाहिए. खरमास के समय नामकरण, गर्भाधान, अन्नप्राशन आदि संस्कार करना और कराना शुभ माना जाता है.
खरमास के दौरान क्या नहीं करें: खरमास एक साल में दो बार आता है. एक बार दिसंबर या जनवरी में और दूसरी बार मार्च या अप्रैल के महीने में खरमास होता है. इस समय विवाह संस्कार निषेध माना गया है, इसलिए इस समय मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. लेकिन पूजा-पाठ, अनुष्ठान, साधना, व्रत, उपवास और तप जैसे कार्य करना इस समय बहुत शुभ होता है.
अप्रैल 2024 में विवाह के लिए केवल 3 दिन ही शुभ
- अप्रैल के महीने में विवाह के लिए केवल 3 दिन ही शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहा है. इस माह में 18, 19 और 20 अप्रैल को विवाह का मुहूर्त है. हालांकि जुलाई में 6 दिन विवाह के मुहूर्त हैं. 9, 11, 12, 13, 14 और 15 जुलाई शादी के लिए शुभ दिन है.
- 18 अप्रैल, दिन बृहस्पतिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: 12:44 एएम से 19 अप्रैल को 05:51 एएम तक, मघा नक्षत्र और एकादशी तिथि होगी.
- 19 अप्रैल, दिन शुक्रवार, शुभ विवाह मुहूर्त: 05:51 एएम से 06:46 एएम तक
मघा नक्षत्र और एकादशी तिथि है. - 20 अप्रैल, दिन शनिवार, शुभ विवाह मुहूर्त: दोपहर 02:04 पीएम से 21 अप्रैल को 02:48 एएम तक. उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र और द्वादशी एवं त्रयोदशी तिथि होगी.