पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) 31 दिसंबर 2017 ये वो तारीख है जब पुणे के शनिवारवाडा में एलगार परिषद कॉन्क्लेव में कथित तौर पर आपत्तिजनक भाषण दिए गए थे। पुलिस का दावा है कि इन भाषणों के बाद ही कोरेगांव भीमा वॉर मेमोरियल के पास अगले दिन दंगा भड़क उठे थे। पुणे पुलिस का दावा है कि यही कॉन्क्लेव माओवादियों का समर्थन करती है।
पुणे शहर में अब दोबारा फिर से एलगार परिषद आयोजित करने की हलचल शुरू हो चुकी है। एलगार परिषद के आयोजन के लिए राज्य सरकार हमको मंजूरी दें। अगर सरकार हमें इजाजत नहीं देती है तो हम हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। सर्वोच्च न्यायालय ने भी अगर हमें मंजूरी नहीं दी तो भी हमें एलगार परिषद का आयोजन जरूर करेंगे। हमारे युवा मौत से घबराते नहीं हैं। यह बयान दिया है पूर्व न्यायाधीश और एलगार परिषद के आयोजक बी जी कोलसे पाटिल ने।
हर साल होती है एलगार परिषद
पाटिल ने कहा कि एलगार परिषद का आयोजन पुणे शहर में बीते साल 2017 से किया जा रहा है। यह आयोजन 31 दिसंबर को किया जाता है। इस परिषद में तकरीबन 250 से 300 संगठन शामिल होते हैं। एलगार परिषद भी एक सांस्कृतिक संगठन है और हम वहां सांस्कृतिक कार्यक्रम ही करते हैं। जिसके जरिये समाज को जागरूक बनाना हमारा उद्देश्य होता है। युवाओं से हम जाती या धर्म की राजनीति करने के लिए नहीं कहते हैं बल्कि मूलभूत सुविधाओं के लिए राजनीति की बात सिखाई जाती है। हमारे नक्सलवादियों से कोई संबंध नहीं हैं। नक्सलवादी होने का आरोप बिल्कुल निराधार है। हम तो ब्राह्मणवाद का विरोध करते हैं। इसलिए हमें बदनाम किया जा रहा है।
कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे
बीजी कोलसे पाटिल ने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी यलगार परिषद का आयोजन होकर रहेगा। राज्य सरकार मंजूरी नहीं भी देगी तो हम उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। अगर वहां से भी मंजूरी नहीं मिलती है। फिर भी हम कार्यक्रम करेंगे। हमें जेल,कोर्ट या मौत का भय नहीं है। हमारे ऊपर अर्बन नक्सल होने का भी आरोप लगाया गया उसके बाद हमारे समाज के बुद्धिजीवी लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाला गया। राइट विंग और लेफ्ट विंग की इस लड़ाई में अब तक देश की अलग-अलग अदालतों में तकरीबन 118 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। बावजूद इसके एलगार परिषद का आयोजन होगा।
गणेश क्रीडा सभागृह में सांस्कृतिक कार्यक्रम
31 दिसंबर को पुणे के स्वारगेट के गणेश कला क्रीड़ा स्थल पर यह आयोजन किया जाएगा। यहां पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाने की संभावना है। इस परिषद में अरुंधति राय के भी शामिल होने की खबर है। कोरेगांव भीमा शौर्य दिन अभियान समिति समेत तकरीबन 300 संगठन इस परिषद में शामिल हो सकते हैं। इस आयोजन का ब्राह्मण महासंघ ने विरोध जताया है। संघ ने कहा है कि इस आयोजन को सोच समझकर ही मंजूरी दी जाए। महाराष्ट्र के गृहराज्य मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा है कि राज्य में कोरोना का संकट छाया हुआ है। ऐसे में इस आयोजन को परमिशन देनी है या नहीं इस पर राज्य सरकार उचित निर्णय लेगी।