दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: चीन की तरफ से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में लगातार दिखाए जा रहे विस्तारवादी व्यवहार पर अंकुश लगाने के प्रयास तेज हो गए हैं। क्वाडिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाड) समूह के भारत समेत तीन अन्य सदस्य देशों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने शुक्रवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में भाग लिया|
मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र की मौजूदा स्थिति चर्चा के केंद्र में रही। क्वाड देशों ने इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ संपर्क, ढांचागत सुविधाओं और सुरक्षा को लेकर आपसी ‘व्यवहारिक’ सहयोग पर बात की।
वही विदेश मंत्रालय के मुताबिक, बैठक में चारों देशों ने साझा मूल्यों और सिद्धांतों और यूएनसीएलओएस (अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून) के लिए सम्मान पर आधारित स्वतंत्र, खुले, समृद्ध और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। क्वाड के वरिष्ठ अधिकारियों की यह बैठक चारों देशें के विदेश मंत्रियों की छह अक्तूबर को टोक्यो में हुई मुलाकात के दो महीने बाद आयोजित की गई। चारों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते हस्तक्षेप पर अंकुश लगाने के लिए नवंबर, 2017 में क्वाड की स्थापना की थी।
वही विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि बैठक में स्थानीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा हुई। कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा विकास को लेकर भी विमर्श हुआ। आतंकवाद, साइबर आतंकवाद और सुरक्षा से जुड़े दूसरे मुद्दों पर भी काफी अच्छी बातचीत हुई है।
इस विमर्श का उद्देश्य यही है कि समूचे हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थायित्व को बढ़ावा दिया जा सके। कोविड-19 को लेकर भी विमर्श हुआ और कोविड के बाद स्थायी आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने और आपूर्ति श्रृंखला मजबूत बनाने को लेकर भी चर्चा हुई। बैठक में खासतौर पर कोविड-19 वैक्सीन को सुरक्षित, प्रभावी और सभी की पहुंच वाला बनाए जाना सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर सहमति जताई गई।
बैठक में आसियान को लेकर भी काफी गंभीर चर्चा हुई। चारों देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान की भूमिका अहम बनी रहने पर सहमति जताई। आसियान के मौजूदा अध्यक्ष वियतनाम की भी काफी प्रशंसा की गई और इस साल नवंबर में आयोजित किए गए 15वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में तय बातों पर भी संतुष्टि जताई गई।
आपको बताते चले कि क्वाड देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र को कितनी अहमियत दे रहे हैं, इसका अंदाजा पिछले तीन महीने में समूह की यह तीसरी बैठक आयोजित किए जाने से लगाया जा सकता है। विदेश मंत्रालय ने कहा, शुक्रवार की बैठक ने सितंबर में हुई अधिकारी स्तर की वार्ता और छह अक्तूबर को टोक्यो में हुई मंत्री स्तर की बातचीत में तय बातों के अनुपालन का मौका दिया है।