नई दिल्ली (व्हीएसआरएस न्यूज) दिल्ली में आज (4 मई) सुबह के मौसम ने सबको चौंका दिया। लोगों की नींद खुली तो आसमान में कोहरा था। तापमान भी दिल्ली और एनसीआर में तकरीबन 15-16 डिग्री सेल्सियस के आस-पास बना हुआ था। पिछले कई दिनों से हो रही बारिश की वजह से दिन के तापमान यानी अधिकतम तापमान में गिरावट तो देखी ही जा रही थी और बादल के थोड़ा छंटने के साथ ही रात और सुबह के तापमान में आई कमी ने कोहरा बना दिया। बारिश की वजह से नमी यानि आर्द्रता तो मौसम में पहले से ही मौजूद थी। लेकिन मौसम वैज्ञानिकों से लेकर आम लोगों को जिस बात चौंका दिया वो है, मई के महीने में कोहरा। आइये जानते हैं, ऐसा बदला-बदला मौसम का मिजाज आखिरकार क्यों है ?
असामान्य है मई के महीने में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का आना
दिल्ली में बारिश होने की मुख्य वजह वेस्टर्न डिस्टरबेंस यानी पश्चिमी विक्षोभ है। आमतौर पर पश्चिमी विक्षोभ मध्य सागर यानी मेडिटेरेनियन सी से चलने वाली नमी भरी हवाओं से आता है। भारत के उत्तरी इलाकों में इसकी वजह से आमतौर पर अक्टूबर से लेकर फरवरी के महीने तक ही बारिश देखने को मिलती है। यानी जैसे जैसे सूरज चढ़ता है वैसे-वैसे इसका असर भारत में नहीं दिखाई देता। कई बार अप्रैल के महीने तक भी एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस देखा जाता है लेकिन मई के महीने में ऐसा सिस्टम बनना काफी कम देखा गया है।
मई के महीने क्यों पड़ रहा कोहरा?
मौसम विभाग की भविष्यवाणी मानें तो दिल्ली और उसके नजदीक बादल छंटने का सिलसिला शुरू हो गया है और इसी वजह से गुरुवार की रात और सुबह में तापमान अचानक गिर गया और मौजूद नमी ने कोहरे की शक्ल ले ली। लेकिन मौजूदा वेस्टर्न डिस्टरबेंस इस बार मई के महीने में बना आखिरी विक्षोभ नहीं है, 5 मई से एक और वेस्टर्न डिस्टरबेंस उत्तरी भारत का रुख कर रहा है, जो पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश का एक नया स्पेल ले कर आ सकता है, यानि 8 मई तक बादलों की आवाजाही बनी रहेगी।
मई की ठंड ने क्लाइमेट चेंज पर बहस को दिया नया मोड़
एक बात तो तय है कि असामान्य महीनों में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का आना चौंकाने वाला है और इसके पीछे मौसम वैज्ञानिकों को कोई खास वज़ह भी नहीं दिखाई दे रही है। लेकिन इस तरह के बदलावों ने क्लाइमेट चेंज पर बहस को एक नया मोड़ दे दिया है। ऐसा माना जा रहा है कि पिछली बार गर्मी के महीनों में इतने सारे वेस्टर्न डिस्टरबेंस लगभग 55 साल पहले सन 1969 में आए थे।
मई में हीटवेव की बजाए देशभर में सुहाना मौसम
इस समय एक तरफ वेस्टर्न डिस्टरबेंस से उत्तरी राज्यों में बारिश का सिलसिला चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवातीय यानी साइक्लोनिक सिस्टम भी तैयार हो रहा है, जो अगले कुछ दिनों में पूर्वी तट पर अच्छी खासी बारिश करेगा। कुल मिलाकर देशभर के लिए मई में हीटवेव की बजाए चर्चा का विषय बारिश और सुहाना मौसम बना हुआ है।