National News अयोध्या(व्हीएसआरएस न्यूज) वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मंदिर में श्रीरामलला का प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हुआ। भारत के इतिहास में आज एक और अध्याय जुड गया। आज रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या में इतिहास रचा गया। इस पल का सभी सनातनियों के साथ-साथ पूरे देश को अरसों से इंतजार था। रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हो गई। मंदिर के गर्भगृह में पीएम मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद रहीं।
भारतीय वायु सेना ने की मंदर परिसर में पुष्पवर्षा
रामलला की मूर्ति का अनावरण होने पर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के हेलिकॉप्टरों ने अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में फूलों की वर्षा की। समारोह के लिए यहां आमंत्रित लोगों ने मंदिर परिसर में जय श्री राम के नारे लगाए। शंखनाद के साथ श्रीराम के जयकारों से दुल्हन की तरह सजी अयोध्यानगरी गुंजायमान हो उठी। फिल्मी सितारे,देश के उद्योगजगत समेत हजारों की तादाद में निमंत्रित रामभक्त गवाह बने।
भव्य…दिव्य…बाल रूप, मोहक स्वरूप…कर लें प्रभु श्रीराम के दर्शन
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूरा हो गया है और इसके साथ ही लोगों का सदियों पुराना इंतजार भी खत्म हो गया है। रामलला गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं और उनकी पहली तस्वीर सामने आई है। समारोह के दौरान गर्भगृह में पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की पूजा-अर्चना की और इसके बाद मूर्ति का अनुष्ठान पूरा किया गया।
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूरा हो गया है और इसके साथ ही लोगों का सदियों पुराना इंतजार भी खत्म हो गया है। रामलला गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं और उनकी पहली तस्वीर सामने आई है। तस्वीर में रामलला के सिर पर स्वर्णमुकुट है और गले में मोतियों का हार है। इसके अलावा कानों में कुंडल सुशोभित हैं। हाथ में स्वर्ण धनुष-बाण हैं,रामलला को पीली धोती पहने हुए नजर आ रहे हैं।रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान गर्भगृह में पीएम नरेंद्र मोदी ने रामलला की पूजा-अर्चना की और इसके बाद मूर्ति का अनुष्ठान पूरा किया गया। इसके बाद पीएम मोदी ने रामलला की आरती की और इस दौरान गर्भगृह में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, संघ प्रमुख मोहन भागवत भी नजर आए।
अयोध्या में पधारे श्रीराम… हुए रामलला के दर्शन, मंदिर में मोदी ने की पूजा
इस मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है जिसे शालीग्राम शिला से बनाया गया है। यह काले रंग का पत्थर होता है। शास्त्रों और धर्म ग्रंथों में शालीग्राम पत्थर को साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप माना गया है और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भगवान विष्णु के ही सातवें अवतार माने गए हैं। शालीग्राम शिला की आयु हजारों साल होती है। यह जल रोधी होती है। चंदन और रोली लगाने से मूर्ति की चमक प्रभावित नहीं होगी।
नख से शिखा तक रामलला की मूर्ति की कुल ऊंचाई 51 इंच है और वजन करीब 200 किलो है। वहीं रामलला की पुरानी मूर्ति को अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा करायी जाएगी, यहां के मंदिरों में ले जाया जाएगा। इसके बाद उस मूर्ति को भी राम मंदिर के गर्भगृह में नई प्रतिमा के साथ ही रख दिया गया।