National News इम्फाल (व्हीएसआरएस न्यूज) मणिपुर में दो दिनों तक चले हिंसा के दौर के बाद अब कुछ शांति है। सेना ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि फिलहाल राज्य के सभी इलाकों में हालात नियंत्रण में हैं। पुलिस सूत्रों ने कहा कि ज्यादातर इलाकों में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है। सेना ने फ्लैगमार्च भी किया है और सरकार की ओर से दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी होने के बाद कुछ राहत मिली है। राज्य के बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को एसटी का दर्ज दिए जाने के प्रस्ताव पर मचे बवाल ने हिंसा का रूप ले लिया था। इसके चलते बड़ी संख्या में संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया और हिंसा में कुछ लोगों की मौत भी हो गई।
हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए थे कि 8 जिलों में सरकार ने कर्फ्यू लगा दिया और मोबाइल इंटरनेट भी बंद करना पड़ गया। इसके अलावा पुलिस कम पड़ने पर सेना और अर्ध सैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी है। अब तक सेना और अन्य बचाव दलों ने हिंसाग्रस्त इलाकों में फंसे 9000 लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया है। गुरुवार से ही राज्य में मोबाइल इंटरनेट 5 दिनों के लिए बंद है। गुवाहाटी स्थित सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया, ’मणिपुर में सभी पक्षों के सहयोग से फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में भी अब शांति का दौर है। भारतीय वायुसेना ने सी-17 ग्लोबमास्टर और एएन32 एयरक्राफ्ट्स को तैनात कर लोगों को निकाला है।’
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि हालात बिगड़ते देख गुरुवार रात को सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई थी। इसके बाद शुक्रवार तड़के भी तैनाती में इजाफा किया गया। कई प्रभावित इलाकों में सेना ने फ्लैगमार्च किया है ताकि दंगाइयों के हौसले तोड़े जा सकें। रावत ने सेना की कितनी टुकड़ियां तैनात होंगी, यह आंकड़ा नहीं दिया। लेकिन उन्होंने साफ कहा कि हम सैनिकों की बड़ी संख्या में तैनाती कर रहे हैं ताकि सब कंट्रोल में रहे। चूड़चंदपुर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है और सेना ने यहां बड़ा फ्लैग मार्च किया है।
मणिपुर में ट्रेनों की एंट्री रोकी, एहतियात के तौर पर फैसला
इस बीच एहतियात के तौर पर रेलवे ने मणिपुर जाने वाली सभी ट्रेनों को कैंसल कर दिया ताकि कोई अप्रिय घटना ना होने पाए। रेलवे के प्रवक्ता सब्यसाची डे ने बताया, ’कोई भी ट्रेन हालात सुधरने तक मणिपुर में एंट्री नहीं करेगी। राज्य सरकार के आग्रह के बाद ट्रेनों को रोकने का फैसला लिया गया है।’