Pune News पुणे(व्हीएसआरएस न्यूज) ‘लेट्स इंस्पायर बिहार यानी आईये मिलकर प्रेरित करें बिहार’ के तहत पुणे में 16 दिसंबर 2023 को कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीनियर आईपीएस अधिकारी विकास वैभव के कुशल नेतृत्व में इस अभियान को देश-विदेश में पहुंचाया जा रहा है। शिक्षा क्षमता और उद्यमिता को लेकर प्रारंभ हुआ उनका अभियान सार्थकता की ओर बढ़ रहा है। आज सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि पूरे देश में और विदेशों में भी कई चैप्टर खुल चुके हैं। इसी अभियान के तहत पुणे में रह रहे बिहार के लोगों से जुड़ने के लिए और उनसे संपर्क बढ़ाने के लिए शनिवार को पुणे में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर आईपीएस विकास वैभव ने वर्तमान बिहार को फिर से एक बार विकसित और गौरवशाली बिहार बनाने पर जोर दिया। इसके साथ युवाओं को और अन्य उद्यमियों को अपनी मिट्टी से जुड़ने और इस दूरदर्शी अभियान से जुड़ने की भी अपील की ।
बिहार गौरव का प्रतीक
लेट्स इंस्पायर बिहार कार्यक्रम में पुणे में रह रहे कई बिहार के लोग शामिल हुए और बिहार को समृद्ध बनाने का संकल्प भी लिया। दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई और मिथिला ब्राह्मण समाज पुणे की अध्यक्ष संगीता पवन चौधरी और मिथिला पेंटिंग कला में पारंगत पूजा झा ने मैथिली स्वागत गीत गाकर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। बिहार में बदलाव लाने के साथ ही उन्होंने अपने बचपन की कहानी भी सुनाई। विकास वैभव ने कहा कि बचपन में बेगूसराय रिफाइनरी में पढ़ाई हुई थी, उसके बाद जब उन्हे पिताजी के ट्रांसफर के बाद बिहार से भोपाल जाने का मौका मिला तो वहां क्लास में उन्हें बच्चे बिहारी कह कर बुलाने लगे, जो उन्हें बहुत चुभी। जो बिहार गौरव का प्रतीक था, शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूर-दूर से लोग आते थे वही बिहारी शब्द शर्मींदगी का प्रतीक हो गया आखिर क्यों और कैसे?
बिहार को 2047 तक विकसित बनाने का संकल्प
उन्होने कहा कि बिहार के उसी गौरव को एक बार फिर से प्राप्त करना है। जिस तरह से 2047 में विकसित भारत का सपना देखा जा रहा है उसी तरह से बिहार को भी 2047 तक विकसित बनाना है, क्योंकि बिहार को विकसित किए बिना देश का विकसित होना संभव ही नहीं है। मुख्य अतिथि के तौर पर आईपीएस विकास वैभव, उद्यमी श्यामा झा, कमांडर अपलेश मोहन, ज्योति झा, वंदना वर्मा उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में कोर टीम सदस्य ज्योति झा,विनोद ओझा जी,अजीत कुमार, रूपेश भारद्वाज,सुरभि अपलेश मोहन,मोहन झा,संतोष भारतीय,अपूर्व गौरव,पवन चौधरी, जटाशंकर चौधरी ने भी अपना योगदान दिया है॥