National News नई दिल्ली (व्हीएसआरएस न्यूज) 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में दुनियाभर के शक्तिशाली देशों के नेता जुटेंगे। ये नेता भारत की मेजबानी में जी-20 समिट के मंच पर इकट्ठा होंगे। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया समेत 19 देशों के राष्ट्राध्यक्ष इसमें शामिल होंगे।
जी-20 समिट के लिए भारत में मंच सज चुका है। नई दिल्ली जी-20 में शामिल दुनिया के शक्तिशाली राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत करने के लिए तैयार है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक, कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, जापान के पीएम फिमियो किशिदो, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बनीज, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति समेत दुनिया के 20 देशों के नेता शुक्रवार से तीन दिनों के लिए दिल्ली में होंगे और अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, बुनियादी ढांचे, सतत विकास समेत तमाम बड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इन नेताओं के स्वागत के लिए पूरी दिल्ली सज गई है। सुरक्षा से लेकर यातायात और इमरजेंसी हालातों से निपटने के लिए तमाम उपाए किए गए हैं। दिल्ली की सड़कों को पेंटिंग, प्रतिमाओं, फव्वारों और पौधों से सजाया गया है।
जी-20 में कौन कौन से देश शामिल हैं?
जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूके और यूएस और यूरोपीय यूनियन (27 सदस्य) शामिल है।
सदस्य देशों के अलावा और किन देशों का मिला न्योता
इसके अलावा इस बार जी-20 समिट के लिए नीदरलैंड, सिंगापुर, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस और नाइजीरिया को मेहमानों के तौर पर बुलाया गया है। यूक्रेन को जी-20 समिट का न्योता नहीं भेजा गया है।
मेहमानों की ऐसी होगी खातिरदारी: चांदी के 15 हजार बर्तन, गोल्ड प्लेटेड कटलरी और शानदार नक्काशी… जी-20 के मेहमानों के लिए तैयार किए गए स्पेशल बर्तन।
कौन कौन से नेता नहीं आ रहे?
राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस समिट में शामिल नहीं होंगे। उनकी जगह चीन के पीएम ली कियांग चीनी प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व करेंगे। 2008 में जी-20 समिट के बाद से यह पहली बार होगा कि चीनी राष्ट्रपति जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। हालांकि 2020 और 2021 में कोरोना महामारी के दौरान शी जिनपिंग ने वर्चुअली हिस्सा लिया था। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी समिट में हिस्सा लेने भारत नहीं आ रहे हैं। उनकी जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रूस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इससे पहले पुतिन दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए थे।
कौन सा नेता कहां ठहरेगा?
– अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन – आईटीसी मौर्या, दिल्ली
– ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक- होटल शांगरी ला, दिल्ली
– कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो- द ललित होटल, दिल्ली
– फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों – क्लैरिजेस होटल दिल्ली
– फिमियो किशिदो- द ललित होटल, दिल्ली
– एंथोनी अल्बनीज- इंपीरियल, दिल्ली
– द कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल- ओबेरॉय होटल गुरुग्राम
– तुर्की के राष्ट्रपति रसीप तैयप एर्दोआन- ओबेरॉय होटल
– चीनी पीएम ली कियांग- ताज पैलेस होटल
– ब्राजील प्रतिनिधिमंडल- ताज पैलेस होटल
– इंडोनेशिया- इंपीरियल होटल, दिल्ली
– ओमान- लोधी होटल
– बांग्लादेश- ग्रांड हयात होटल गुरुग्राम
– इटली- हयात रिजेंसी
– सऊदी अरब प्रतिनिधिमंडल- लीला होटल गुरुग्राम
क्या है जी-20 समिट का एजेंडा?
दिल्ली के मंडपम कन्वेंशन सेंटर में हो रहे इस समिट में शामिल हो रहे नेता आर्थिक, जलवायु परिवर्तन और शिक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंग। इसके अलावा इस बार समिट में यूक्रेन-रूस युद्ध और कोरोना महामारी का प्रभाव भी चर्चा का विषय रहेगा। भारत की ओर से जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा जैसे मानव-केंद्रित मुद्दों पर जोर रहेगा।
कैसी रहेगी सुरक्षा व्यवस्था?
दिल्ली में मेहमानों की सुरक्षा के बंदोबस्त चाक चौबंद कर दिए गए हैं। सुरक्षा कारणों से 29 अगस्त से 12 सितंबर तक राष्ट्रीय राजधानी में पैराग्लाइडर, हैंग-ग्लाइडर और हॉट एयर बैलून जैसे उप-पारंपरिक हवाई प्लेटफार्मों की उड़ान पर रोक लगाई गई है। आयोजन स्थलों को फुलप्रूफ बनाने के लिए सुरक्षा बल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉड्यूल का इस्तेमाल कर रही हैं। सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली में 50 हजार पुलिस के जवानों समेत 1.5 लाख सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। इसी के साथ, दिल्ली में एंटी टेरर स्क्वॉड भी तैनात की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा के लिए सीआरपीएफ के रक्षकों की पचास टीमें तैयार की गई हैं जिसमें लगभग 1000 जवान शामिल होंगे। इसके अलावा 300 बुलेटप्रुफ वाहनों को भी तैयार किया जा रहा है।