National News गांधीनगर,गुजरात(व्हीएसआरएस न्यूज) जोधपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम को एक और उम्रकैद की सजा हो गई है। गांधीनगर सत्र न्यायालय ने स्वयंभू संत आसाराम को एक दशक पुराने यौन उत्पीड़न मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अहमदाबाद के आश्रम में शिष्या को हवस का शिकार बनाने वाले आसाराम को अदालत ने सोमवार को दोषी करार दिया था। मंगलवार को सजा पर बहस के बाद कोर्ट ने आस्था की आड़ में अस्मत लूटने वाले आसाराम को सजा सुनाई।
आसाराम बापू के खिलाफ 2013 में पीड़िता ने शिकायत दर्ज कराई थी। कोर्ट ने आसाराम को दुष्कर्म, अप्राकृतिक यौन संबंध, बल प्रयोग समेत कई अपराधों का दोषी पाया। आसाराम की पत्नी और बेटी समेत 6 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। पीड़िता की छोटी बहन को आसाराम के बेटे नारायण साईं ने हवस का शिकार बनाया था और उसे भी उम्रकैद की सजा मिल चुकी है।
सूरत की रहने वाली इस पीड़िता ने कहा था कि 1997 से 2006 के बीच कथावाचक आसाराम ने उसके साथ कई बार रेप किया। जोधपुर की एक अन्य पीड़िता के सामने आने के बाद उसने पुलिस को साथ हुए जुल्म के बारे में शिकायत दी। अभियोजन पक्ष ने मंगलवार को दावा किया कि आसाराम बापू ’आदतन अपराधी’ है और उसने स्वयंभू बाबा पर भारी जुर्माना लगाने के साथ उम्रकैद की सजा सुनाने का अनुरोध किया।
क्या है ये पूरा मामला?
जानकारी के लिए बता दें कि कल गांधीनगर सेसन्स कोर्ट ने आसाराम को दोषी करार दिया था, वहीं अन्य आरोपी को कोर्ट ने निर्दोष बता दिया था। केस की बात करें तो 2 बहनो ने आसाराम और उसके बेटे के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाया था। जिसमें छोटी बहन के आरोप पर नारायण साई को आजीवन कारावास की सजा मिल चुकी है, वहीं बड़ी बहन के आरोपी आसाराम को आज कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली थी
गांधीनगर की सेशन कोर्ट ने आसाराम के खिलाफ सोमवार को सुनवाई पूरी कर ली थी और आईपीसी की धारा 376 , 377, 342, 354, 357 और 506 के तहत दोषी पाया। कोर्ट ने महिला से दुष्कर्म के मामले में छह अन्य आरोपियों, जिनमें आसाराम की पत्नी लक्ष्मीबेन, उनकी बेटी और चार अन्य शिष्यों को बरी कर दिया है।
आसाराम का आदमी महिला को आश्रम ले गया था
पीड़ित महिला की शिकायत में कहा गया था कि आसाराम ने उसे गुरुपूर्णिमा आने पर स्पीकर के रूप में चुने जाने के लिए कहा था और बाद में स्पीकर के रूप में चुना। इसके बाद आसाराम के फार्म हाउस शांतिवाटिका में बुलाया गया। आश्रम का ही एक अन्य व्यक्ति उसे आसाराम के फार्म हाउस ले गया। वहां आसाराम ने हाथ-पैर धोकर उसे कमरे के अंदर बुलाया और बाद में एक कटोरी घी मंगवाकर उसके सिर की मालिश की।
मालिश करने के दौरान आसाराम ने पीड़ित महिला के साथ जबरदस्ती शुरू कर दी। इस पर महिला ने वहां से भागने की कोशिश की। इस पर आसाराम ने उसके साथ मारपीट की और दुष्कर्म और अननेचुरल सेक्स किया। इसके बाद धमकी देकर वहां से चले जाने को कहा।
गवाहों पर लगातार होते रहे जानलेवा हमले
28 फरवरी, 2014 को सूरत की दो पीड़ित बहनों में से एक के पति पर घातक हमला किया गया था। इसके 15 दिन बाद आसाराम के वीडियोग्राफर राकेश पटेल पर भी जानलेवा हमला किया गया। हमले के कुछ दिनों बाद सूरत के एक कपड़ा बाजार में गवाह दिनेश भगनानी पर तेजाब फेंक दिया गया। ये तीनों गवाह हमले में बच गए थे। 23 मार्च 2014 को एक गवाह अमृत प्रजापति को गोली मार दी गई। 17 दिनों के इलाज के बाद अमृत की मौत हो गई थी।