National News हरिकोट (व्हीएसआरएस न्यूज) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग हो गई है। एलवीएम3-एम4 रॉकेट के जरिए शुक्रवार दोपहर 02.35 बजे इसे चंद्रमा के लिए प्रक्षेपित किया गया। इसरो की ओर से कहा गया कि चंद्रयान-3 मिशन के जरिये अपने चंद्रमा मॉड्यूल द्वारा सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग करके और घूमकर अंतरिक्ष एजेंसी नई सीमाओं को पार करेगी। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने 23 या 24 अगस्त तक चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग होने की संभावना है।
चांद के सफर पर निकला चंद्रयान-3,बाहुबली रॉकेट से रवाना
आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से चंद्रयान-3 मिशन लॉन्च हो गया। ठीक 2 बजकर 35 मिनट पर चंद्रयान को रवाना किया गया। इस दौरान देर तक तालियां गूंजती रहीं। लॉन्चिंग के मौके पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह समेत कई अन्य लोग मौजूद थे।
चंद्रयान-3 में इसरो ने किए कई बदलाव
चंद्रयान-3 के विक्रम के लेग्स को काफी मजबूत बनाया गया है। वह पहले की तुलना में अधिक वेग से उतरने में कामयाब हो सकेंगे। इसके अलावा, लैंडर में भी कई सुधार किए गए हैं। इसरो के चीफ सोमनाथ ने बताया है कि लैंडिंग वेग को 2 मीटर/सेकंड से बढ़ाकर 3मीटर/सेकंड कर दिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि 3मी/सेकंड की स्पीड पर भी लैंडर दुर्घटनाग्रस्त नहीं होगा या इसके लैग्स नहीं टूटेंगे। इसके अलावा, इसके इंजन और सॉफ्टवेयर पर भी काम किया गया है। सेंट्रल या पांचवें इंजन को हटा दिया गया है, जिसे चंद्रयान 2 के दौरान आखिरी समय में जोड़ा गया था।
धरती और चंद्रमा के 5-5 चक्कर लगाएगा चंद्रयान-3
इसरो के एक वैज्ञानिक ने नाम ने छापने की शर्त पर बताया कि 170X36,500 किलोमीटर वाली अंडाकार जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट के जरिए चंद्रयान की ट्रैकिंग और ऑपरेशन ज्यादा आसान और सहज होगा। चंद्रमा की ओर भेजने से पहले चंद्रयान-3 को धरती के चारों तरफ कम से कम पांच चक्कर लगाने होंगे। हर चक्कर पहले वाले चक्कर से ज्यादा बड़ा होगा। ऐसा इंजन को ऑन करके किया जाएगा।
चंद्रयान-3 में योगदान देने वाले सीटीटीसी भुवनेश्वर को सॉफ्ट लैंडिंग का इंतजार
पूरी दुनिया शुक्रवार को भारत के चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण का बेसब्री से इंतजार कर रही है, वहीं भुवनेश्वर के ’सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर’ (सीटीटीसी) के तकनीशियन और छात्र इस यान को चंद्रमा की सतह पर ’सॉफ्ट लैंडिंग’ करता देखने के लिए उत्सुक हैं। सीटीटीसी भुवनेश्वर ने इस अभियान के लिए अहम घटकों की आपूर्ति की है। संस्थान के महाप्रबंधक एल राजशेखर ने कहा, ”हम व्याकुल हैं और परीक्षा परिणाम का इंतजार कर रहे छात्र जैसा महसूस कर रहे हैं। हम अत्यधिक आशावादी हैं कि इस बार भारत इतिहास रचेगा।” देशभर में कुल 23 सीटीटीसी हैं।
राजनाथ सिंह ने भी दी वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”आज का यह दिन, भारतीय इतिहास में एक विशेष महत्व का है। मिशन चंद्रयान-3 की लांचिंग, नये भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देने जा रही है। इस मिशन में हमारे देश के वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई है। यह मिशन सफल हो, इसके लिए खडठज की पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।”