दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: भारत में तकरीबन 27 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका फ्री मिल सकता है। अभी तक सरकार ने तीन करोड़ लोगों के लिए ही टीका मुफ्त करने की घोषणा की थी। जबकि अन्य 27 करोड़ लोगों के लिए कीमतें तय नहीं की थी, लेकिन कल सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आम बजट में कोरोना टीका के लिए 35 हजार करोड़ रुपये का आवंटन मिलने के बाद देश में 30 करोड़ लोगों को निशुल्क टीका मिलने के संकेत मिले हैं। वहीं देश में नौ बायो सेफ्टी लैब भी बनाई जाएंगी।
वही केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर 60-40 फीसदी बजट निर्धारित कर सकती है। इतना ही नहीं जिन 30 करोड़ लोगों को देश में सबसे पहले टीका लगना है उन्हें इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।
मिली जानकारी अनुसार इस बारे मे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक 27 करोड़ लोगों को कोरोना टीका की दो-दो डोज देने को लेकर यह तय नहीं हुआ था कि यह निशुल्क होगा। लेकिन बजट में कोरोना टीका को 35 हजार करोड़ रुपये मिलने के बाद इसके संकेत मिल चुके हैं। अभी तक योजना के अनुसार स्वास्थ्य एक राज्य का विषय है। इसलिए केंद्र के साथ साथ राज्य सरकारें भी अपना योगदान इसमें रखेंगी। अगर कोई राज्य सरकार चाहे तो वह निशुल्क या रिहायती दरों पर टीकाकरण कर सकती है लेकिन उसे कम से कम 40 फीसदी बजट का योगदान करना होगा।
वही देश के बहुचर्चित महामारी विशेषज्ञ डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने मीडिय से बातचीत में कहा कि अगर सरकार के स्वास्थ्य बजट पर समीक्षा की जाए तो केवल 10 फीसदी बढ़ोत्तरी ही देखने को मिलती है। 137 फीसदी बढ़ोत्तरी की जानकारी जो वित्त मंत्री ने दी है वह वैलनेस और स्वच्छ पानी को मिलाकर है लेकिन कोरोना टीका के लिए 35 हजार करोड़ रुपये के आवंटन से स्पष्ट होता है कि पहले से तय लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार निशुल्क टीका उपलब्ध करा सकती है। यह एक बड़ी राहत हो सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना महामारी में भारत ने एक स्वदेशी टीका कोवाक्सिन तैयार कर लिया है जबकि जाइडस कैडिला का एक और स्वदेशी टीका अगले दो माह में सामने आएगा। इसके अलावा आईसीएमआर की टीम दो और स्वदेशी टीका पर काम कर रही है। इनकी खोज पर भी इसी बजट का एक हिस्सा खर्च किया जाएगा।
दरअसल 16 जनवरी को देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना टीकाकरण अभियान की शुरूआत की थी। सरकार ने सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मचारी और दो करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर को सबसे पहले टीका देने का लक्ष्य रखा है। इन्हें निशुल्क टीका लगाया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने करीब 360 करोड़ रुपये खर्च भी किए हैं।
आपको बताते चले कि अब तक कोविशील्ड और कोवाक्सिन की करीब दो करोड़ डोज की खरीदी भी हो चुकी है। पहला चरण पूरा होने के बाद सरकार 27 करोड़ लोगों को टीका उपलब्ध कराएगी जिनमें 50 या उससे अधिक आयु वाले, पहले से बीमार इत्यादि लोग शामिल हैं। इनकी पहचान के लिए कोविन एप पर पंजीयन भी पहला चरण पूरा होने के बाद ही शुरू होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोना महामारी में भारत ने एक स्वदेशी टीका कोवाक्सिन तैयार कर लिया है जबकि जाइडस कैडिला का एक और स्वदेशी टीका अगले दो माह में सामने आएगा। इसके अलावा आईसीएमआर की टीम दो और स्वदेशी टीका पर काम कर रही है। इनकी खोज पर भी इसी बजट का एक हिस्सा खर्च किया जाएगा।