भोपाल(व्हीएसआरएस न्यूज) कोरोना ने दशहरा उत्सव पर बडा असर डाला है।मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ में रावण के छोटे पुतले जलाए जाएंगे,राजस्थान,चंडीगढ में सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक है। कोरोना ने 70 साल पुरानी परंपरा को तोडते हुए रावण का कद घटाने का काम किया। जहां 60 फीट रावण पुतले का दहन होता था कल 30 फीट रावण का दहन होगा। कोलार का सबसे ऊंचा 105 फीट रावण जलता था वहीं कल 12 पीट का रावण जलेगा।इंदौर: 100 फीट का रावण इस बार 21 फीट का रह गया, आतिशबाजी भी नहीं होगी
इंदौर में दशहरा मैदान, जीपीओ, तिलक नगर, चिमनबाग मैदान, विजय नगर, उषागंज हाईस्कूल मैदान, किला मैदान, कालानी नगर में मुख्य रूप से रावण दहन होता है। लेकिन, कोरोना के चलते इस बार के आयोजन फीके रहेंगे। जिन 10 प्रमुख जगहों पर 100 फीट से ज्यादा ऊंचे रावण जलते थे, वहां इस बार रावण का कद 21 फीट रहेगा। आयोजकों का कहना है कि इस बार सिर्फ परंपरा बनी रहे, इसलिए आयोजन हो रहा है।
चिमनबाग में इस बार महज 21 फीट का रावण लगेगा। रावण के पुतले बनाने वाले शशिकांत राउत ने बताया कि उनके यहां 3 फीट से लेकर 21 फीट के रावण बनाए गए हैं। पहले हम 51 फीट तक के रावण बनाते थे। इस बार आधे ही ऑर्डर हैं। डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया ज्यादा भीड़ नहीं होने के निर्देश दिए हैं। जुलूस या रैली नहीं होगी। आयोजन स्थल पर बिना मास्क के एंट्री नहीं मिलेगी।
जबलपुर: प्रतीकात्मक रावण दहन, सोशल मीडिया पर टेलीकास्ट होगा
जबलपुर में सिर्फ फुहारा पर सांकेतिक रावण दहन होगा। सोशल मीडिया पर इसका लाइव टेलीकास्ट भी किया जाएगा। समारोह का आयोजन श्री गोविंदगंज रामलीला समिति करती है। 156 साल पुरानी ये समिति हर साल रामलीला और जुलूस निकालती थी।
जयपुर : पहली बार दशहरा मेला नहीं, मानसरोवर में वर्चुअल प्रोग्राम की तैयारी
कोरोना के कारण जयपुर में 70 साल में पहली बार रावण दहन समारोह नहीं होगा। विद्याधर नगर स्टेडियम में अट्टाहास करता हुआ 121 फीट का सबसे बड़ा रावण इस बार नजर नहीं आएगा। सरकार ने धारा 144 लागू कर रखी है, जिसके कारण भीड़ नहीं जुट सकती है। ऐसे में मेले का आयोजन संभव नहीं। इसी के चलते 20 प्रमुख आयोजन समितियों ने रावण दहन समारोह नहीं करने का फैसला लिया है।
अजमेर में निगम के 45 लाख बचेंगे, बीकानेर में बचत से कोविड की लड़ाई में मदद
बीकानेर के डॉ. करणीसिंह स्टेडियम में छह दशक से रावण दहन हो रहा था। लेकिन, यहां 65 साल से चली आ रही रावण दहन की परंपरा इस बार टूट जाएगी। रावण दहन वाली जगह बने एक भवन को क्वारेंटाइन सेंटर में बदला जा रहा है। अजमेर में राम की सवारी के साथ रावण दहन किया जाता था।
चंडीगढ़: दशहरा समितियां प्रशासन से नाराज, नहीं होगा रावण दहन
चंडीगढ़ में रावण दहन को लेकर आयोजन समितियों प्रशासन से नाराज हैं।
रांची: न कोलकाता के कलाकार आतिशबाजी करेंगे,न मुस्लिम परिवार पुतला बना रहा
72 सालों में पहली बार रांची में इस साल रावण दहन नहीं होगा। 1948 में पहली बार पाकिस्तान से आए रिफ्यूजी कैंप के पंजाबी परिवारों ने यह परंपरा शुरू की थी।
जालंधर: पुतलों की हाइट 8 से 15 फीट,सिर्फ एक घंटे पटाखे चला सकेंगे
कोरोना के चलते जालंधर में इस बार बेहद सादे ढंग से दशहरा मनाया जाएगा। सिर्फ पंडितों से पूजा करवाएंगे। यहां महानगर के पुतला कारीगर संजीवन लाल ने बताया कि इस बार रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के 8 से 15 फीट ऊंचे पुतले ही बनाए गए हैं। डीसी घनश्याम थोरी ने बताया कि दशहरे पर पटाखे चलाने का समय शाम 6 से 7 बजे का तय किया गया है।
रायपुर में 10 फीट का पुतला बनेगा, भिलाई में कार्यक्रम रद्द
रायपुर में इस बार 10 से 12 जगह ही रावण दहन होगा। पहले छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा रावण डब्ल्यू आरएस कॉलोनी में 101 फीट का जलाया जाता था। इस बार प्रशासन ने सिर्फ 10 फीट के पुतले की अनुमति दी है। आतिशबाजी पर भी रोक है। हालांकि, रायपुर के रावण भाटा में होने वाले कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शामिल होंगे। भिलाई के शांतिनगर दशहरा समिति ने कोरोना के चलते कार्यक्रम रद्द कर दिया है।
लखनऊ: रावण दहन में सिर्फ समिति के सदस्य मौजूद रहेंगे, बनारस के नाटी इमली में भरत मिलाप भी नहीं होगा
कोरोना महामारी के चलते सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक इस बार दशहरे का मेला नहीं लगेगा। बनारस की विश्वप्रसिद्ध रामलीला, नाटी इमली का ऐतिहासिक भरत मिलाप कार्यक्रम भी नहीं होगा।