दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच नए कृषि कानून को लेकर गतिरोध जारी है। सरकार ने पत्र लिखकर किसानों को एकबार फिर बातचीत के लिए आमंत्रित किया है और अपनी पसंद की तारीख बताने को कहा है। ऐसे में आज किसान संगठनों की एक बैठक होने वाली है जिसमें सरकार के प्रस्ताव को लेकर अहम फैसला लिया जा सकता है।
मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने 40 किसान संगठनों को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा था और उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। सरकार ने यह भी कहा था किसान संगठन अपनी पसंद से कोई भी तारीख चुन सकते हैं। ऐसे में इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि किसान संगठनों की आज की बैठक में केंद्र सरकार के प्रस्ताव को लेकर कोई फैसला लिया जा सकता है।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम सरकार को समर्थन देने वाले किसान संगठनों से मुलाकात करेंगे। हम उनसे यह जानेंगे कि उन्हें नए कृषि कानूनों में क्या फायदा नजर आ रहा है, साथ ही पूछेंगे कि अपनी फसलें बेचने के लिए कौनसी टेक्नॉलजी इस्तेमाल कर रहे हैं।
वही कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर हरियाणा और उत्तरप्रदेश से लगी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसान ने क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं। क्रांतिकारी किसान यूनियन के गुरमीत सिंह ने कहा कि किसान नेताओं के अगले कदम के लिए मंगलवार को बैठक करने की संभावना है। किसान संगठन बिहार जैसे दूसरे राज्यों के किसानों से भी समर्थन लेने का प्रयास कर रहे हैं। संयुक्त मोर्चा ने सोमवार से 11-11 किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल और 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा-पंजाब मार्ग में टोल मुक्ति का ऐलान कर आंदोलन अभी जारी रखा है।
आपको बताते चले कि दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान कड़ाके की सर्दी में पिछले करीब चार सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं और नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इनमें ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं। किसान संगठनों का साफ कहना है कि वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले जबकि सरकार इसे वापस लेने को तैयार नहीं हैं।