दिल्ली| व्हीएसआरएस न्यूज: किसान नेताओं ने नए कृषि कानूनों में संशोधन करने के सरकार के प्रस्ताव को बुधवार को खारिज कर दिया और कहा कि वे शनिवार को जयपुर-दिल्ली और दिल्ली-आगरा एक्सप्रेस-वे को बंद करेंगे तथा आंदोलन को तेज करते हुए 14 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेंगे| किसान नेता शिव कुमार कक्का ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के प्रस्ताव में कुछ भी नया नहीं है और ‘संयुक्त किसान समिति’ ने बुधवार को अपनी बैठक में इसे ‘पूरी तरह खारिज’ कर दिया| किसान संघ के नेताओं ने प्रस्ताव को देश के किसानों का ‘अपमान’ करार दिया. हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार अगर वार्ता के लिये नया प्रस्ताव भेजती है तो वे उस पर विचार कर सकते हैं|
वही बैठक के बाद किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा, सरकार का यह प्रस्ताव किसानों का अपमान है। इसमें कुछ भी नया नहीं था। सरकार के रुख को देखते हुए हमने आंदोलन तेज करने का फैसला किया है। इसके तहत 14 तारीख को राजस्थान, यूपी, हरियाणा और मध्य प्रदेश के किसान दिल्ली कूच करेंगे, वहीं दक्षिण राज्य के किसान जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। भाजपा के सभी मंत्रियों का घेराव किया जाएगा। भाजपा नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा। किसान नेता दर्शन पाल फिर दोहराया कि हमें कानून वापस लेने से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। सरकार ने जो प्रस्ताव भेजा था, वो वही था जो पिछली बैठकों में कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लगातार कह रहे हैं। अन्य नेता जंगवीर सिंह ने कहा, हम अडानी और अंबानी की सभी उत्पादों व सेवाओं का बहिष्कार करेंगे। जियो के सिम को पोर्ट कराएंगे।
हालाँकि इससे पहले, मंगलवार रात गृहमंत्री अमित शाह ने 13 किसान नेताओं से मुलाकात की थी, लेकिन उसमें भी कोई हल नहीं निकल पाया था। इसके बाद बुधवार को सरकार की ओर से प्रस्ताव भेजा था। इससे पहले, किसानों और सरकार के बीच छह दौर की वार्ता बेनतीजा रही है।
आपको बताते चले कि नये कृषि कानूनों पर केंद्रीय गृह मंत्री के, किसानों के 13 प्रतिनिधियों से मुलाकात करने के एक दिन बाद बुधवार को केंद्र की तरफ से किसानों को प्रस्ताव भेजा गया था| प्रस्ताव में सरकार ने कहा था कि वह वर्तमान में लागू न्यूनतम समर्थन मूल्य की व्यवस्था को जारी रखने के लिए ‘लिखित में आश्वासन’ देने को तैयार है| किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि किसानों ने कानून में प्रस्तावित संशोधन को खारिज कर दिया है क्योंकि वे कानूनों को निरस्त किये जाने से कम कुछ नहीं चाहते| उन्होंने कहा कि नए मसौदा में कुछ भी नया नहीं है, जो केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसान नेताओं के साथ अपनी पूर्व की बैठकों में नहीं कहा हो|
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी किसान 14 दिसंबर को राष्ट्रीय राजधानी के सभी राजमार्गों को बंद करेंगे और जिला मुख्यालयों के साथ ही भाजपा के जिला कार्यालयों का भी घेराव करेंगे| कक्का ने कहा कि अगर तीन कृषि कानून रद्द नहीं किये गए तो किसान दिल्ली की तरफ आने वाले सभी रास्तों को एक-एक कर बंद करेंगे| उन्होंने कहा कि किसान संगठनों में कोई मतभेद नहीं है|