पटना| व्हीएसआरएस न्यूज: बिहार में पाकिस्तानी आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ की पकड़ मजबूत हो गई है। आतंकी पाकिस्तान के साथ-साथ बिहार से भी हथियार मंगा रहे हैं। बिहार से जम्मू-कश्मीर व पाकिस्तान तक इसका नेटवर्क बना हुआ है। बिहार के लिए यह खतरनाक खुलासा जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने किया है। दरअसल, बिहार में आतंकियों के स्लीपर सेल लंबे समय से मौजूद हैं। आतंकी साल 2013 में पटना के गांधी मैदान में आयोजित गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री व वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली में भी ब्लास्ट कर चुके हैं।
बड़े हमले की तैयारी कर रहा जैश-ए-मोहम्मद
इस बारे में डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि आतंकी संगठन ‘जैश-ए-मोहम्मद’ दिल्ली में बड़े हमले की तैयारी कर रहा है। दिल्ली में इस आतंकी हमले के लिए छोटे हथियार बिहार से मंगाए जा रहे हैं। डीजीपी के अनुसार आतंकी इसके लिए पंजाब में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे बिहार से सात पिस्टल मंगा भी चुके हैं। दक्षिण कश्मीर के निवासी व जैश के आतंकवादी हिदायतुल्ला मलिक ने बिहार से हथियार मंगाने का नेटवर्क बनाया है। उसने ही अब तक सात पिस्टल मंगा कर आतंकवादियों के बीच बांट दिए हैं।
अवैध हथियारों के निर्माण व तस्करी का बड़ा केंद्र बना मुंगेर
वही बिहार का मुंगेर अवैध हथियारों के निर्माण व तस्करी का बड़ा केंद्र है। यहां एक ऑर्डिनेंस फैक्ट्री थी, जो अब बंद है। इसके बेरोजगार कारीगर अवैध हथियारों के निर्माण में लगे हैं। वे नाइन एमएम की पिस्टल से लेकर एके-47 तक कोई भी हथियार बना सकते हैं। मुंगेर के ये हथियार आतंकियों व नक्सलियों तक पहुंचते रहे हैं। साल 2018 में मुंगेर के एक कुएं से छिपाकर रखे 20 एके 47 का कनेक्शन मध्य प्रदेश के ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से गायब 50 एक 47 से भी निकला था। इसके बाद पकड़े गए अपराधियों के तार आतंकियों व नक्सलियों से जुड़े मिले थे।
सीतामढ़ी से पकड़े गए थे आतंकी
हालाँकि आतंकवादियों का बिहार कनेक्शन नया नहीं है। बिहार में एक दशक पहले साल 2000 में पहली बार सीतामढ़ी से दो आतंकवादी गिरफ्तार किए गए थे। कई इंटेलीजेंस रिपोर्ट में बिहार के सीमांचल और मिथिलांचल इलाकाें में आतंकवादियों की सक्रियता की चर्चा है। उत्तर बिहार के नेपाल सीमावर्ती दरभंगा, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर एवं पूर्वी व पश्चिमी चंपारण जिले नेपाल सीमा से सटे हैं। इस कारण आतंकवादी इन जिलों से होकर भारत में आसानी से प्रवेश करते व निकल भागते हैं।
आतंकियों का अड्डा बना दरभंगा, चंपारण से धराया भटकल
बिहार के नेपाल सीमावती सीतामढ़ी जिले से हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकी मकबूल और जाहिर को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मुंबई की लोकल ट्रेन में ब्लास्ट की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का आतंकी मो. कमाल बिहार के मधुबनी जिले का निवासी था। नेपाल सीमावर्ती दरभंगा तो आतंकवादियों का पनाहगाह माना जाता रहा है। साल 2014 से पहले देश में हुए कई बम धमाकों के मामलों में पकड़े गए आतंकियों में से एक दर्जन दरभंगा के ही निवासी निकले थे। नेपाल सीमा से लगे पूर्वी चंपारण जिले से इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी यासीन भटकल और अब्दुल असगर उर्फ हड्डी को भी गिरफ्तार किया गया था।
नक्सलियों को देते रहे हथियार, जुड़े रहे तार
आतंकियों के तार बिहार के नक्सलियों से भी जुड़े रहे हैं, इसका खुलासा भी हुआ है। 2009 में दिल्ली धमाके के सिलसिले में गिरफ्तार मधुबनी के निवासी आतंकवादी मदनी दिल्ली एटीएस को बताया था कि वह बिहार के नक्सलियों को विस्फोटक व हथियार मुहैया कराता था।
स्लीपर सेल ने बनाया था नरेंद्र मोदी की रैली को निशाना
गत 27 अक्टूबर 2013 काे भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन प्रधानमंत्री चेहरा नरेंद्र मोदी की पटना के गांधी मैदान में आोयोजित चुनावी रैली के दौरान सीरियल धमाके हुए थे। इस घटना में कई लोगों की जान गई थी। जांच में एनआइए ने इसे आतंकी घटना माना। एनआइए के अनुसार इसके पीछे बिहार व झारखंड के स्लीपर सेल का हाथ था। इसी जांच में पाया गया था कि बिहार के कई जिलों में आतंकियों के स्लीपर सेल बन गए हैं। बोधगया के महाबोधि मंदिर में आतंकी हमले की जांच में भी रोहंगिया आतंकी स्लीपर सेल की संलिप्तता उजागर हुई थी।